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‘हमने अपना धैर्य खो दिया है’, प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देने में देरी पर भड़का SC

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Oct 5, 2024


सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के मामले में सुनवाई की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से राशन कार्ड में देरी पर कोर्ट ने कहा हमने अपना धैर्य खो दिया है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 19 नवंबर तक इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का अंतिम अवसर दिया।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के मामले में सुनवाई की, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से राशन कार्ड में देरी पर कोर्ट ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को 19 नवंबर तक इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का अंतिम अवसर दिया।

जज ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि अब और कोई अभद्रता नहीं होगी। पीठ ने ये भी कहा, ”हम आपको हमारे आदेश का पालन करने के लिए एक आखिरी मौका दे रहे हैं या आपके सचिव उपस्थित रहेंगे।”

सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने  दिया ये तर्क

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि अंत्योदय अन्न योजना के तहत प्रति प्राथमिकता वाले परिवार के लिए केवल एक राशन कार्ड जारी किया जाता है।

बता दें कि अदालत 2020 में कोविड के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और दुखों का संज्ञान लेने के बाद दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने पहले केंद्र से अपने 2021 के फैसले के अनुपालन और प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड और अन्य कल्याणकारी उपाय प्रदान करने के निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था।

अदालत ने पारित किए कई निर्देश

अदालत ने 29 जून, 2021 के फैसले और उसके बाद के आदेशों में अधिकारियों को कई निर्देश पारित किए थे, जिसमें उनसे कल्याणकारी उपाय करने के लिए कहा गया था, जिसमें उन सभी प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देना शामिल था, जो ई-श्रम’ पोर्टल के साथ रजिस्टर्ड कोविड ​​​​-19 महामारी के दौरान परेशान थे। ‘

ई-श्रम’ केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीयूडब्ल्यू) है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य देश भर में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कल्याणकारी लाभ और सामाजिक सुरक्षा उपायों की डिलीवरी की सुविधा प्रदान करना है।

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