मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को सभी दल जोर आजमाइश में जुटे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव का प्रचार करने पहुंचे। यहां से समाजवादी पार्टी ने हाजी रिजवान को प्रत्याशी बनाया है। अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा उपचुनाव में टिकट बटवारे का एक किस्सा बताया।उन्होंने मंच पर खड़े अपने प्रत्याशी की तरफ इशारा करते हुए बताया कि कैसे उस चुनाव में उन्होंने अपने विधायक हाजी रिजवान का टिकट काट दिया था। उन्होंने बताया कि दरअसल शफीकुर्रहमान बर्क उस समय अपने पोते जियाउर्रहमान बर्क को विधायक बनाना चाहते थे।
अखिलेश यादव ने कहा, “मुझे याद है जब पिछला विधानसभा का चुनाव था, उस समय हमारे विधायक रहे हाजी रिजवान साहब की टिकट मैंने काट दी थी। हमारे नेता शफीकुर्रहमान बर्क चाहते थे कि जिया उर रहमान बर्क विधायक बनें। मुझे याद है जिस समय वो मुझसे मिलकर आए थे, उस बातचीत में मुझे लगा कि उनकी इच्छा है कि उनके सामने ही उनका पोता सांसद बन जाए, विधायक बन जाए, कुछ बन जाए। मैंने कहा हमसे ये क्या करवा रहे हो आप, टिकट कटवा रहे हो। उन्होंने कहा कि हमारे पोते को बना दो विधायक। मैंने कहा कि ठीक है, आपकी बात मानी और हमने उस समय विधानसभा चुनाव में टिकट दे दी और अपने हाजी रिजवान साहब की टिकट कट गई।”
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “आप लोगों ने इनकी एक नहीं मानी। ये जाकर जिस दल में प्रीपेड, पोस्टपेड से काम चलता है, उस दल में चले गए। लेकिन कुंदरकी की जनता ने एक नहीं मानी और समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर वोट देकर यहां से विधायक चुनकर आपने विधानसभा भेजा।”
अखिलेश यादव ने कहा, “मुझे याद है जब पिछला विधानसभा का चुनाव था, उस समय हमारे विधायक रहे हाजी रिजवान साहब की टिकट मैंने काट दी थी। हमारे नेता शफीकुर्रहमान बर्क चाहते थे कि जिया उर रहमान बर्क विधायक बनें। मुझे याद है जिस समय वो मुझसे मिलकर आए थे, उस बातचीत में मुझे लगा कि उनकी इच्छा है कि उनके सामने ही उनका पोता सांसद बन जाए, विधायक बन जाए, कुछ बन जाए। मैंने कहा हमसे ये क्या करवा रहे हो आप, टिकट कटवा रहे हो। उन्होंने कहा कि हमारे पोते को बना दो विधायक। मैंने कहा कि ठीक है, आपकी बात मानी और हमने उस समय विधानसभा चुनाव में टिकट दे दी और अपने हाजी रिजवान साहब की टिकट कट गई।”
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “आप लोगों ने इनकी एक नहीं मानी। ये जाकर जिस दल में प्रीपेड, पोस्टपेड से काम चलता है, उस दल में चले गए। लेकिन कुंदरकी की जनता ने एक नहीं मानी और समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर वोट देकर यहां से विधायक चुनकर आपने विधानसभा भेजा।”