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हमास ने इसराइल पर युद्धविराम समझौते के ‘उल्लंघन’ का आरोप लगाते हुए, इसराइली बंधकों की अगली निर्धारित रिहाई पर रोक लगाने की घोषणा की है.
इसराइल ने हमास की इस घोषणा को ‘युद्धविराम समझौते का पूर्ण उल्लंघन’ बताया है. साथ ही, अपनी सेना को सतर्क रहने के लिए कहा है.
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को चेताते हुए सभी बंधकों को शनिवार तक रिहा करने की डेडलाइन दी है.
ट्रंप ने कहा है कि अगर हमास बंधकों को रिहा नहीं करता है, तो युद्धविराम समझौता रद्द कर दिया जाना चाहिए. हमास की घोषणा के बाद अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है? इस पर एक नज़र डालते हैं.
हमास ने क्या घोषणा की है?
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हमास ने सोमवार, 10 फरवरी को इसराइली बंधकों की रिहाई रोकने की घोषणा की थी. हमास ने आरोप लगाया है कि ‘इसराइल युद्धविराम समझौते का उल्लंघन’ कर रहा है.
हमास ने अपने बयान में कहा, “इसराइल युद्ध विराम समझौते की शर्तों का पालन नहीं कर रहा है.”
हमास ने अपने बयान में कहा, “पिछले तीन हफ्ते में हमारे नेतृत्व ने देखा कि दुश्मन बार-बार युद्धविराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है और समझौते की शर्त को नहीं मान रहा है. “
अपने बयान में हमास ने इसराइल पर ‘विस्थापित फ़लस्तीनियों की उत्तरी ग़ज़ा में वापसी में देरी करने’ और ‘ग़ज़ा पट्टी में कई इलाकों में गोलीबारी करने’ का आरोप लगाया है.
इसके अलावा हमास ने कहा कि सहायता आपूर्ति को लेकर जो समझौता हुआ है, इसराइल उसका भी ‘उल्लंघन’ कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा है?
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संयुक्त राष्ट्र ने इसराइली बंधकों की रिहाई में देरी करने के हमास के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कहा है कि इसराइल और हमास को युद्धविराम समझौते के अपने-अपने पक्ष को कायम रखना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता फरहान हक ने संवाददाताओं से कहा, “हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी पक्ष युद्ध विराम के तहत अपने-अपने समझौतों का पालन करें.”
इस बात पर जोर दिए जाने पर कि क्या हमास की घोषणा युद्ध विराम का उल्लंघन है. इस संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि ‘कोई भी देरी’ एक ‘समस्या’ होगी.
उन्होंने कहा, “हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई देरी न हो, कोई रुकावट न हो और (इसराइल-हमास के बीच हुए) समझौते को पहले से तय योजना के अनुसार अमल में लाया जाए.”
हमास की घोषणा के क्या मायने हैं?
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इसराइली बंधकों और फ़लस्तीनी कैदियों की अगली रिहाई की तारीख 15 फरवरी (आने वाला शनिवार ) निर्धारित की गई थी. इसमें हमास की ओर से तीन इसराइली नागरिकों को रिहा किया जाना था, लेकिन हमास ने इस रिहाई को स्थगित करने की घोषणा कर दी.
बीबीसी के राजनयिक संवाददाता पॉल एडम्स का कहना है कि हमास ने पांच दिन पहले बंधकों की रिहाई स्थगित करने की घोषणा की है.
उनके मुताबिक़, इसका एक मतलब ये हो सकता है कि हमास गतिरोध को हल करने के लिए समय दे रहा है.
टेलीग्राम पर जारी अपने आधिकारिक बयानों में से एक में, हमास ने अपनी घोषणा को इसराइल के लिए एक ‘चेतावनी’ कहा है. हमास ने कहा है कि वो इसराइल को अपने ‘दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय’ दे रहा है. हमास ने अगली निर्धारित रिहाई को नकारा नहीं है और बातचीत का विकल्प ‘खुला’ रखा है.
पॉल एडम्स के मुताबिक ऐसा दिख रहा है कि हमास गतिरोध को हल करने के लिए समय दे रहा है. लेकिन सवाल ये है, गतिरोध क्या है? क्या हमास वास्तव में शिकायत कर रहा है कि इसराइल अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा नहीं उतरा है या बात कुछ और है?
युद्ध विराम के पहले चरण के दौरान क्या हुआ?
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युद्धविराम के पहले चरण में 33 इसराइली बंधकों को रिहा किया जाना था.
16 इसराइली बंधकों की रिहाई हो चुकी है, वहीं 17 बंधकों की रिहाई बाकी है.
इसराइल कहना है कि उन 17 में से आठ इसराइली बंधकों की मौत हो चुकी है. इसका मतलब है कि 9 इसराइलियों को रिहा किया जाना बाकी है.
हमास ने एक अलग समझौते के तहत पांच थाई नागरिकों को भी रिहा किया है.
युद्ध विराम समझौते के तहत, इसराइल ने कहा है कि वो लगभग 1900 फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, इनमें से अब तक सैकड़ों कैदियों को रिहा किया जा चुका है.
इस समझौते के दूसरे चरण पर बातचीत करने के लिए एक इसराइली प्रतिनिधिमंडल कतर में है, जिसके तहत और बंधकों और कैदियों को रिहा किया जाना है.
अभी ये साफ नहीं है कि हमास की घोषणा का इस बातचीत पर क्या असर होगा.
हमास को ट्रंप की चेतावनी
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ग़ज़ा से इसराइली बंधकों की रिहाई को रोकने की हमास की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी चेतावनी जारी की है.
ट्रंप ने कहा है कि हमास शनिवार को 12 बजे तक सभी बंधकों को रिहा कर दे.
दरअसल, ट्रंप ने ग़ज़ा युद्धविराम समझौते के भविष्य के लिए अपनी ओर से हमास को डेडलाइन दी है.
ट्रंप ने कहा, “जहां तक मेरी चिंता की बात है, अगर शनिवार 12 बजे तक सभी बंधक रिहा नहीं किए जाते हैं, तो मैं कहूंगा, इसे रद्द (समझौते को) करें और क़हर बरपाएं.”
अभी ये साफ़ नहीं है कि ट्रंप ने शनिवार दोपहर 12 बजे की बात की है या मध्यरात्रि में 12 बजे की. ये बात भी नहीं पता लग पाई है कि उन्होंने किस टाइम ज़ोन को ध्यान में रखते हुए यह डेडलाइन दी है.
ट्रंप ने कहा है कि सभी बंधक एक साथ छोड़ दिए जाएं, ‘ना कि टुकड़ों-टुकड़ों में’.
ऐसा न होने की स्थिति में ‘कहर बरपाने’ के बयान को लेकर जब ट्रंप से सवाल किया गया कि उनका क्या मतलब है, तो उन्होंने जवाब दिया, “आपको पता चल जाएगा, और उन्हें भी. हमास को पता चल जाएगा कि मेरे कहने का क्या मतलब है.”
ट्रंप ने कहा कि ‘ये मेरी डेडलाइन है’ और इसमें उन्होंने इसराइली इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू का ज़िक्र नहीं किया.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित