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‘हम खतरनाक युग में जी रहे हैं’, विशेषज्ञों ने चेताया; 2024 रहा अब तक का सबसे गर्म साल

Byadmin

Dec 27, 2024


Climate Change साल 2024 अब के रिकॉर्ड में सबसे गर्म साल रहा है। इस साल औसतन 41 दिन अधिक भीषण गर्मी पड़ी है। धरती के मौसम को लेकर जारी एक नई रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बढ़ती गर्मी की वजह जलवायु परिवर्तन बताई गई है जिससे धरती का औसतन तापमान भी बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने इसे लेकर चेताया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम दुनिया भर में देखने को मिल रहे हैं। एक नई रिपोर्ट में भी इस ओर संकेत किया गया है, जिसमें बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया में 2024 में औसतन 41 दिन और भीषण गर्मी पड़ी।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस के हवाले से बताया कि 2024 अब तक के सबसे गर्म साल के रूप में समाप्त होने वाला है और यह पहला वर्ष होगा, जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा।

छोटे द्वीपीय देशों पर प्रभाव अधिक

जलवायु वैज्ञानिकों के दो समूहों – वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) और क्लाइमेट सेंट्रल द्वारा जारी वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में 2024 में औसतन 41 दिन और खतरनाक गर्मी पड़ी। छोटे द्वीपीय विकासशील देशों पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा, जहां लोगों को 130 से अधिक अतिरिक्त गर्म दिनों का सामना करना पड़ा।

वैज्ञानिकों ने 2024 में 219 चरम मौसम की घटनाओं की पहचान की और उनमें से 29 का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जलवायु परिवर्तन के कारण 26 चरम मौसम की घटनाओं में कम से कम 3,700 लोगों की मृत्यु हुई और लाखों लोग विस्थापित हुए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस वर्ष जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्र चरम मौसम की घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या सैकड़ों हजारों में होने की संभावना है।’

बाढ़ का बढ़ता खतरा

रिपोर्ट से पता चला है कि सूडान, नाइजीरिया, नाइजर, कैमरून और चाड में बाढ़ की सबसे घातक घटना थी, जिसमें कम से कम 2,000 लोग मारे गए थे। अध्ययन में पाया गया कि यदि ग्लोबल वार्मिंग दो डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाती है, जो 2040 या 2050 के दशक की शुरुआत में हो सकती है, तो इन क्षेत्रों को हर साल इसी तरह की भारी वर्षा की घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।

WWA के प्रमुख और इंपीरियल कॉलेज, लंदन में जलवायु विज्ञान के वरिष्ठ व्याख्याता फ्रेडरिक ओटो ने कहा, ‘फॉसिल फ्यूल वार्मिंग के प्रभाव 2024 की तुलना में कभी भी स्पष्ट या अधिक विनाशकारी नहीं रहे हैं। हम एक खतरनाक नए युग में रह रहे हैं।’

‘जीवाश्म ईंधन से दूर होना चाहिए’

उन्होंने कहा, ‘हम अच्छी तरह जानते हैं कि हालात को और खराब होने से रोकने के लिए हमें क्या करना होगा – जीवाश्म ईंधन को जलाना बंद करना। 2025 के लिए शीर्ष संकल्प जीवाश्म ईंधन से दूर जाना होना चाहिए, जिससे दुनिया अधिक सुरक्षित और स्थिर स्थान बन जाएगी।’
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