भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का आज जन्मदिन है। वह वायुसेना में फाइटर पायलट थे। 3 अप्रैल 1984 को उन्होंने रूसी विमान सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी। राकेश शर्मा अपने साथ अंतरिक्ष में सूजी का हलवा पुलाव और आलू-छोले लेकर गए थे। हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले वह पहले भारतीय बने थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा जब 22 साल के थे, जब उन्होंने पाकिस्तान के साथ हुई जंग में 21 बार मिग-21 से उड़ान भरी थी। वह घर से एस्ट्रोनॉट बनने नहीं निकले थे। राकेश शर्मा तो एयरफोर्स का हिस्सा थे।
25 साल की उम्र में वह भारतीय एयरफोर्ट से सबसे बेहतरीन पायलट में से एक हो गए थे। लेकिन उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया, जब भारत ने रूसी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ राकेश शर्मा को भी अंतरिक्ष में भेजने का फैसला किया।
पटियाला में हुआ जन्म
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को हुआ था। वह पंजाब के पटियाला में जन्मे थे। 1966 में नेशनल डिफेंस एकेडमी के जरिए वह वायुसेना से जुड़े। वह महज 21 साल की उम्र में वायु सेना में शामिल हो गए थे।
टेस्ट के बाद चुने गए राकेश शर्मा
- राकेश शर्मा तब तक वायुसेना में स्क्वार्डन लीडर बन चुके थे। अभियान के लिए करीब 50 पायलटों ने टेस्ट दिया और फिर अंत में राकेश शर्मा और रवीश मल्होत्रा को इसके लिए चुना गया। दोनों को ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया।
- उन्हें पहले ही ये बता दिया गया था कि ट्रेनिंग अधिकतर रूसी भाषा में होगी। इस लिए दोनों पर जल्द से जल्द रूसी भाषा सीखने का दबाव था। दोनों हर रोज 6 से 7 घंटे तक रूसी भाषा सीखते थे। करीब 3 महीने में ही उन्हें ठीक-ठाक रूसी भाषा आ गई थी।
3 अप्रैल को रवाना हुए शर्मा
अंतरिक्ष में जाने से करीब 1 साल पहले दोनों रूस की राजधानी मॉस्को से 70 किलोमीटर दूर स्थित स्टार सिटी गए, जहां अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण केंद्र था। उनके खान-पान, स्टेमिना और ताकत पर लगातार नजर रखी जा रही थी।
(फोटो: @mfa_russia)प्रशिक्षण के दौरान ही राकेश शर्मा को मिशन के लिए चुन लिया गया और रवीश मल्होत्रा को उनके बैकअप के रूप में रखा गया। इसके बाद 3 अप्रैल 1984 को रूसी विमान सोयूज टी-11 से राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी।
अंतरिक्ष में ले गए हलवा
- राकेश शर्मा अपने साथ अंतरिक्ष में सूजी का हलवा, पुलाव और आलू-छोले लेकर गए थे। इसे मैसूर की डिफेंस रिसर्च लैब की मदद से तैयार किया गया था। राकेश शर्मा अपने साथ इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति जैल सिंह और रक्षा मंत्री वेंकटरमन की तस्वीरें और राजघाट से मिट्टी भी ले गए थे।
- अंतरिक्ष में रहने के दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बात की थी। इस दौरान इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। इस पर राकेश शर्मा ने जवाब दिया था- सारे जहां से अच्छा। ये जवाब भी लोगों में प्रेरणा भरता है।
(फोटो: @IndEmbMoscow)
योगा से दूर की स्पेस सिकनेस
राकेश शर्मा अंतरिक्ष में स्पेस सिकनेस से बचने के लिए योगाभ्यास किया करते थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष में जाने से पहले रोज-रोज एक ही रूटीन फॉलो कर वह बोर हो गए थे।राकेश शर्मा को हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। भारत में शर्मा और उनके साथ गए लोगों को अशोक चक्र दिया गया था। अंतरिक्ष से लौटने के बाद राकेश शर्मा फिर से वायुसेना के पायलट के दौर पर जिंदगी बिताने लगे।
यह भी पढ़ें: ‘अंतरिक्ष से वापसी के वक्त लग रहा था… बच नहीं पाऊंगा’, 40 साल बाद राकेश शर्मा ने खोला बड़ा राज
देश-दुनिया की हर ताज़ा खबर और सटीक जानकारी, हर पल आपके मोबाइल पर! अभी डाउनलोड करें- जागरण ऐप