इसके बाद अश्विन ने तमिल में कहा- मैंने सोचा कि मुझे यह कहना चाहिए। हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह एक आधिकारिक भाषा है। साउथ के प्रदेशा में हिंदी भाषा का इस्तेमाल करना हमेशा से ही संवेदनशील विषय रहा है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में नई बहस को जन्म दे सकती है, जब तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके सहित कई विपक्षी दलों ने केंद्र पर राज्यों, विशेष रूप से दक्षिण में हिंदी थोपने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
इसी कार्यक्रम में अश्विन ने टीम इंडिया की कप्तानी के विषय पर भी बात की। अनुभवी ऑफ स्पिनर ने कूटनीतिक अंदाज में जवाब दिया। अश्विन ने बताया- जब कोई कहता है कि मैं यह नहीं कर सकता तो मैं इसे पूरा करने के लिए जाग जाता हूं, लेकिन अगर वे कहते हैं कि मैं कर सकता हूं तो मेरी रुचि खत्म हो जाती है। अश्विन ने अपनी पृष्ठभूमि के बारे में भी बताया कि उन्होंने इंजीनियरिंग की है।
अश्विन ने छात्रों से कहा कि वे कभी हार न मानें और संदेह के समय में भी अपने रास्ते पर दृढ़ रहें। उन्होंने कहा- अगर किसी इंजीनियरिंग स्टाफ ने मुझसे कहा होता कि मैं कप्तान नहीं बन सकता, तो मैं और अधिक मेहनत करता। यदि आप एक छात्र हैं तो आप कभी नहीं रुकेंगे। यदि आप नहीं रुकेंगे तो सीखना बंद हो जाएगा और उत्कृष्टता (excellence) आपके अलमारी में बस एक शब्द बनकर रह जाएगी।