Waqf Amendment bill 2024 वक्फ संशोधन विधेयक पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने केंद्र सरकार में सहयोगी जदयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगू देशम पार्टी को चेताया है। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ विधेयक पास हो गया तो धर्मनिरपेक्ष बताने वाले एनडीए के सहयोगी दल इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगे। मदनी फलस्तीन के समर्थन में भी बोले।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई हैं, उन्हें बांटेंगे तो देश तबाह हो जाएगा। वक्फ संशोधन विधेयक के जरिये सरकार की कोशिश वक्फ संपत्ति पर कब्जा करने और देश के लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की है। देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई की एकता के बल पर चलेगा न कि नफरत और बंटवारे की राजनीति से चलेगा।
तेदेपा और जदयू को चेताया
शीतकालीन सत्र में रिपोर्ट सौंपेगी समिति
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। ऐसे में सत्र के ठीक पहले जमीयत ने इस विधेयक और समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ रही केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित ‘भारतीय संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में अरशद मदनी ने तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू और जदयू के नीतीश कुमार से इस मामले में मुसलमानों की भावनाओं पर ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि एनडीए के भीतर जो दल धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं, उन्हें इस ‘खतरनाक’ कानून का समर्थन करने से खुद को दूर रखना चाहिए।
दो बैसाखियों के सहारे चल रही सरकार: मदनी
उन्होंने चेताया कि अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार जिन ‘दो बैसाखियों’ के सहारे चल रही है, वे जिम्मेदारी से नहीं बच पाएंगी। कार्यक्रम में मौजूद तेदेपा के आंध्र प्रदेश उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में हैं। मदनी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी हमलावर रहे और कहा कि वह मुस्लिमों को दफनाना चाहते हैं।
गांधी-नेहरू से की हमास लड़ाकों की तुलना
फलस्तीन के समर्थन में बोलते हुए मदनी के बोल बिगड़ गए। उन्होंने हमास जैसे आतंकी संगठनों के लड़ाकों की तुलना महात्मा गांधी व जवाहर लाल नेहरू जैसे देश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले अहिंसक आंदोलनकारियों से कर दी। उन्होंने कहा कि गुलामी की जंजीरों को तोड़ना अगर आतंकवाद है तो गांधी और नेहरू भी आतंकी थे।
खतरे में पड़ जाएंगी मस्जिदें, मदरसे व कब्रिस्तान: रहमानी
पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी समेत विभिन्न राज्यों से जुटे मुस्लिम नेताओं ने स्पष्ट किया कि उन्हें इन दोनों मामलों में बदलाव तथा मदरसा मामले में छेड़छाड़ स्वीकार्य नहीं है, वे उसके लिए हर स्तर पर लड़ेंगे। रहमानी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पारित हुआ, तो देश में मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों के वजूद के साथ ही मुस्लिमों की पहचान भी खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने वक्फ संपत्ति के लिए दस्तावेज दिखाने संबंधी विधेयक के प्रविधान का विरोध करते हुए कहा कि सैकड़ों वर्ष पुरानी इन संपत्ति के कागजात अब कहां हैं।
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