डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। चीन की विस्तारवाद नीति और बढ़ती सैन्य ताकत पर भारत ने चिंता जताई है। संसदीय समिति ने चीन-पाकिस्तान नौसैनिक गठजोड़ को भारत के लिए चिंता का कारण बताया है। समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि सैन्य क्षमताओं को मजबूत करे और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए साझेदार देशों के साथ लगातार संयुक्त सैन्य अभ्यास करे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन अपनी विस्तारवाद नीति को गंभीरता से लेते हुए सैन्य ताकत को लगातार बढ़ रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की मौजूदगी बढ़ती जा रही है। भारत ने भी इस बात पर चिंता जाहिर की है।
विदेश मामलों की संसदीय समिति ने चेतावनी दी है कि चीन लगातार अपनी नौसेना को ताकतरवर बनाने में जुटा है। वहीं, समिति ने कहा कि चीन-पाकिस्तान नौसैनिक गठजोड़ ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।
महासागर क्षेत्र में भारत अपनी सैन्य ताकत बढ़ाए: समिति
संसदीय समिति ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह सैन्य क्षमताओं को मजबूत करे और रणनीतिक संतुल बनाए रखने के लिए साझेदार देशों के साथ लगातार संयुक्त सैन्य अभ्यास करे।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की लीडरशिप में 31 सदस्यीय समिति ने इस बात पर जोर दिया कि महासागर क्षेत्र में भारत की लीडरशिप उसके भू-राजनीतिक और आर्थिक हितों का स्वाभाविक और आवश्यक विस्तार है। समिति ने कहा कि हिंद महासागार निस्संदेह भारत की वैश्विक रणनीति का एक अभिन्न अंग है।
पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों को अपने बेड़े में शामिल करे सेना
बता दें कि पिछले हफ्ते ही भारत ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के साथ अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री साझेदारी को मजबूत करना है।
हालांकि, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, समिति ने भारत से किसी भी उभरते खतरे से निपटने के लिए तैयारी सुनिश्चित करने के लिए पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों, निगरानी विमानों और परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों को शामिल करके अपनी नौसेना को मजबूत करने का आग्रह किया है।