केंद्र पोषित इस योजना में फंड केंद्र सरकार उपलब्ध कराती है और वन स्टाप सेंटर राज्य सरकारें चलाती हैं। वन स्टाप सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा पीड़ित महिलाएं चाहें वे घरेलू हिंसा पीड़ित हों या किसी और प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाएं जा सकती हैं। उन्हें एक ही छत के नीचे ना सिर्फ तत्काल आश्रय मिलता है बल्कि चिकित्सा सुविधा कानूनी सलाह आदि मदद भी मिलती है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। हिंसा पीड़ित महिलाओं को तत्काल एक जगह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले सरकार संचालित वन स्टाप सेंटरों में अब दस दिन तक रुकने की इजाजत है। केंद्र सरकार ने वन स्टाप सेंटर में हिंसा पीड़ित महिलाओं के रुकने की अवधि पांच दिन से बढ़ा कर दोगुनी यानी दस दिन कर दी है। विशेष परिस्थितियों में पीड़ित महिलाएं 20 दिनों तक वन स्टाप सेंटर में रुक सकती हैं।
केंद्र सरकार ने पीड़ित महिलाओं की सहूलियत के लिए यह अवधि बढ़ाई है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने हिंसा पीड़ित महिलाओं को तत्काल मदद और सुरक्षित माहौल देने के संबंध में गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार ने हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक जगह सारी सुविधाएं और मदद देने के लिए एक अप्रैल, 2015 में वन स्टाप सेंटर योजना शुरू की थी।
महिला पंचायत प्रधान नारी सशक्तीकरण
बुधवार को महिला बाल विकास मंत्री ने देश भर से आई महिला प्रधानों को रात्रि भोज में आमंत्रित किया था और बातचीत के दौरान उन्हें बताया कि सरकार ने अब वन स्टाप सेंटर में हिंसा पीड़ित महिलाओं के रुकने की अवधि बढ़ा कर दोगुनी यानी दस दिन कर दी है। देश भर से महिला पंचायत प्रधान नारी सशक्तीकरण के कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली आयीं थी।
महिला सशक्तीकरण के कार्यों की जानकारी
दो दिनों के कार्यक्रम के बाद बुधवार की शाम केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपने आवास पर उनके लिए रात्रि भोज आयोजित किया था। इस मौके पर विभिन्न राज्यों विशेषकर झारखंड से आई महिला प्रधानों ने अपने गांवों में महिला सशक्तीकरण के कार्यों की जानकारी दी।पिछले वर्ष नवंबर में केंद्र ने सभी राज्यों को पत्र भेजा था और वन स्टाप सेंटर में हिंसा पीड़ित महिलाओं के रुकने की अवधि बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
सखी सदन उपलब्ध नहीं
उस पत्र में राज्यों से कहा गया था कि पांच दिन तक पीड़ित महिला वन स्टाप सेंटर में रुक सकती है लेकिन उसे ज्यादा लंबे समय तक रुकने की जरूरत हो सकती है। जैसे कि कहीं पास में सखी सदन उपलब्ध नहीं हो जहां वह स्थानांतरित की जा सके ऐसी स्थिति में वन स्टाप सेंटर के प्रशासन के पास अवधि बढ़ा कर दस दिन करने का विवेकाधिकार होगा।
आश्रय गृह में स्थानांतरित करने का प्रयास
लेकिन दस दिन के बाद भी अगर पीड़ित महिला को रुकने जरूरत हुई तो डिस्टि्रक नोडल अफसर या डिस्टि्रक प्रोग्राम अफसर को दस दिन की अवधि और बढ़ाने का अधिकार होगा जिससे कि पीड़ित को सभी जरूरी सुविधाएं मिलना सुनिश्चित हो। हालांकि पीड़ित को जल्दी से जल्दी पास के सखी सदन या इसी तरह के अन्य आश्रय गृह में स्थानांतरित करने का प्रयास किया जाएगा।
उस पत्र में राज्यों को वन स्टाप सेंटर में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की उपलब्धता की भी बात कही गई है जो कि अन्य भोजन, कपड़े आदि की सुविधाओं के अतिरिक्त होगी। अभी तक देश भर में कुल 802 वन स्टाप सेंटर हैं जिनमें स्थापित होने से लेकर 30 जून, 2024 तक कुल 9.38 लाख महिलाओं को मदद दी गई है।
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