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‘वो मेरे शादी के पैसे थे…” यह कहते हुए संभल के मियां सराय की रहने वाली अलबीना का गला भर आता है.
बीएससी तक पढ़ाई करने वालीं अलबीना पहले स्थानीय प्राइवेट अस्पताल में काम करती थीं लेकिन अब पुलिस थाने के चक्कर काट रही हैं. उनकी गाढ़ी कमाई के 4 लाख 70 हज़ार रुपये एक स्कीम में डूब गए हैं.
उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में अलबीना जैसे करीब सौ लोगों के पैसे इसी तरह डूब गए हैं. और इन सबके केंद्र में भारत के मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब का नाम उभर रहा है. यही वजह है कि संभल पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ एक के बाद एक करके 32 मुक़दमे दर्ज किए हैं.
बीबीसी ने इस मामले में जावेद हबीब से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. उनके एक वकील ने बीबीसी को बताया है कि जिस कंपनी में लोगों ने पैसे लगाए हैं उससे हबीब का कोई संबंध नहीं है.
दरअसल 24 अगस्त 2023 में संभल के एक मैरिज हॉल ‘रॉयल पैलेस’ में ‘फॉलिकल ग्लोबल’ कंपनी के नाम से एक सेमिनार हुआ था.
कंपनी के ब्रोशर में ‘द टीम’ के नाम से जावेद हबीब और उनके बेटे अनुस हबीब की तस्वीर छपी थी. ब्रोशर में इन लोगों के नाम संस्थापक के तौर पर दर्ज थे.
इस सेमिनार में संभल और आसपास के 200 लोग शामिल हुए थे. इनमें से कई लोगों ने ज़्यादा रिटर्न की चाहत के साथ कंपनी में निवेश किया था.
कैसे शुरू हुई यह स्कीम?

ऐसे कई लोगों से हमने बात की. बातचीत के दौरान अधिकांश लोगों ने यह दोहराया कि ‘मंच से बताया गया कि यह कंपनी वेलनेस इंडस्ट्री को डिजिटाइज़ कर रही है. कहा गया कि कंपनी ज़मीन, हेल्थ और ब्यूटी बिज़नेस में निवेश से बड़ा मुनाफा दिला सकती है.’
निवेशकों को भरोसा दिया गया कि वे हर महीने 20 से 30 प्रतिशत तक मुनाफा कमा सकते हैं.
अलबीना बताती हैं, ”मेरे भाई के एक दोस्त ने कहा कि जावेद हबीब की कंपनी में पैसा लगाओ. उन्होंने कहा कि हर महीने मुनाफा मिलेगा. मुझे लगा बड़ा नाम है, तो धोखा कैसे हो सकता है.’
अलबीना जैसी कई लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया था. इन सभी से ‘फॉलिकल’ कंपनी में निवेश के बदले अच्छे रिटर्न की बात कही गई थी.
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बीबीसी से कहा, “भोले-भाले लोगों ने जावेद हबीब का चेहरा देखकर भरोसा किया और औसतन 5 से 7 लाख रुपये निवेश किए. इस स्कीम में 100 से अधिक लोगों ने पैसे लगाए. ढाई साल बीत जाने के बाद भी किसी को एक भी रुपया नहीं मिला.”
उन्होंने कहा, ”इस स्कीम के तहत इन्होंने लोगों से करीब 5 से 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. प्रथम दृष्टया यह एक अपराध पाया गया है, इसलिए पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत किया गया.”
संभल के लोगों का दावा है कि केवल जावेद हबीब के चलते वे इस अविश्वसनीय दावे पर यक़ीन कर सके थे.
ऐसे ही एक किसान सरफ़राज़ हुसैन हैं. वह बताते हैं, ”हमें कहा गया कि मिस्टर जावेद हबीब खुद इस कंपनी के मालिक हैं. सैफुल्ला, जिसे कुछ लोग सैफुल हसन के नाम से जानते हैं, कंपनी के स्थानीय एजेंट थे. उन्होंने हमें जावेद हबीब से मिलवाया. हमने तीन लाख रुपये लगाए.”
इन निवेशकों ने बीबीसी हिंदी को एक वीडियो भी दिखाया जिसमें अनस हबीब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए लोगों को स्कीम के बारे में बता रहे थे.
संभल के ही मोहम्मद रेहान ने बैंक से कर्ज़ लेकर इस कंपनी में निवेश किया.
उन्होंने बताया, ”कहा गया कि जावेद हबीब की कंपनी में इंवेस्ट करो, हर महीने 20-30 प्रतिशत मुनाफा मिलेगा. लेकिन दो साल में एक पैसा नहीं मिला.”
कंपनी की ओर से दी गई लिस्ट के मुताबिक़, ज़्यादा पैसे लगाने पर ज़्यादा रिटर्न की बात कही गई थी.
इसमें 14 स्लैब बनाए गए थे- जैसे 45,000 रुपये लगाने पर 2,970 रुपये महीना, वहीं 9,99,000 रुपये निवेश करने पर 86,184 रुपये महीना और एक व्यक्ति को घूमने के लिए कज़ाकिस्तान भेजने का वादा किया गया था.
इस तरह की स्कीम से प्रभावित होकर संभल और आसपास के कई इलाकों के लोगों ने इसमें निवेश किया.
मियां सराय मोहल्ले में कपड़ों की दुकान चलाने वाले मोहम्मद सादिक बताते हैं, ”पहले संभल में, फिर दिल्ली में जावेद हबीब से मुलाकात हुई. उन्होंने वादा किया कि पैसे लौटा देंगे, लेकिन बात वहीं खत्म हो गई.”
स्थानीय एजेंट सैफुल्ला उर्फ सैफुल हसन ने ज़्यादातर लोगों से नक़द पैसे लिए, जबकि कुछ से अपने निजी खातों में ट्रांसफर कराए. अब उनका घर महीनों से बंद है. पड़ोसी बताते हैं, ‘वो लोग कई महीने से यहां नहीं हैं.’
पुलिस के पास पहुंचे मामले

संभल के रायसत्ती थाने में अब तक इस धोखाधड़ी से जुड़े 32 मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं.
पुलिस के मुताबिक़, इस स्कीम में 100 से ज़्यादा लोगों ने निवेश किया था और हर व्यक्ति ने औसतन 5 से 7 लाख रुपये लगाए थे.
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, ”हमने जावेद हबीब को बयान दर्ज करने के लिए नोटिस भेजा था. 12 दिन का समय दिया गया था. वे खुद नहीं आए, उनके वकील आए. अब पुलिस ने सर्च वारंट जारी किया है. जांच टीम दिल्ली गई थी, लेकिन वहां वे नहीं मिले. इसके बाद पुलिस ने मुंबई में उनकी मौजूदगी की जांच शुरू की है.”
पुलिस का कहना है कि यह जांच सिर्फ़ संभल तक सीमित नहीं रहेगी.
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, ”हमें शक़ है कि इस घोटाले के तार बिटकॉइन खातों और विदेशी लेन-देन से जुड़े हो सकते हैं.”
पुलिस के मुताबिक़, ‘अब तक 40 लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं और 32 एफ़आईआर पंजीकृत हैं. इन एफ़आईआर में जावेद हबीब, अनस हबीब और सैफुल्ला उर्फ सैफुल हसन का नाम है.’
जावेद हबीब का पक्ष

कई बार फोन करने पर जावेद हबीब का फोन स्विच ऑफ़ मिला, इसलिए उनका पक्ष नहीं मिल पाया.
दूसरी तरफ, जावेद हबीब की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एफ़आईआर रद्द करने के लिए याचिका दाख़िल की गई है, जिसकी सुनवाई इस हफ्ते हो सकती है.
उनके वकील पवन कुमार ने कहा, ”जावेद हबीब का फॉलिकल ग्लोबल कंपनी से कोई सीधा संबंध नहीं है.”
वकील का कहना है कि जावेद हबीब सिर्फ़ एक सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर गए थे. उन्होंने वहां केवल हेयर और ब्यूटी व्यवसाय को बढ़ावा देने की बात की थी.
उन्होंने बताया कि 22 जनवरी 2023 को ही हबीब की तरफ से एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें स्पष्ट लिखा गया था कि उनका फॉलिकल ग्लोबल कंपनी से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबध नहीं है.
पवन कुमार कहते हैं, “जब हमें पता चला कि इस नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की कोशिश हो रही है, हमने पहले ही यह नोटिस जारी किया था.”
बिटकॉइन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में अब यह भी सामने आ रहा है कि यह पूरा नेटवर्क क्रिप्टोकरेंसी यानी बिटकॉइन के ज़रिए काम कर रहा था.
एसपी कृष्ण बिश्नोई कहते हैं, ”कंपनी का हेडक्वार्टर दुबई में बताया गया है. यह आशंका है कि मनी लॉन्ड्रिंग के ज़रिए बिटकॉइन खातों से पैसा विदेश भेजा गया हो. इसकी भी जांच चल रही है.”
12 अक्टूबर को उन्हें 94 बीएनएस के तहत नोटिस दिया गया था ताकि वे व्यक्तिगत रूप से बयान दर्ज कराएं. लेकिन जब वे अनुपस्थित रहे, तो पुलिस ने 100 बीएनएस के तहत सर्च वारंट लिया.
जांच अधिकारी बताते हैं, ”हम उनके दिल्ली आवास गए थे वो मिले नहीं और मुंबई स्थित ठिकानों की तलाशी लेने के लिए विधिवत कार्रवाई की जाएगी.”
संभल और आस-पास के जिलों में इस स्कीम के शिकार दर्जनों लोग हैं.
एक पीड़ित ने कहा, ”हमें लगा कि जावेद हबीब जैसा बड़ा नाम धोखा नहीं देगा. लेकिन अब न पैसा वापस मिल रहा है, न कोई जवाब.”
निवेशक सरफ़राज़ हुसैन ने कहा, ”जब हमने जावेद हबीब से मुलाकात की तो उन्होंने कहा, ‘घबराइए नहीं, मैं दूँगा आपके पैसे.’ उस वक्त हमें लगा कि इतना बड़ा आदमी झूठ नहीं बोलेगा. लेकिन वो वादा भी अधूरा रह गया.”
सरफ़राज़ हुसैन के दावे के मुताबिक़, उनकी एक मीटिंग जावेद हबीब के साथ 20 अक्तबूर 2024 को दिल्ली के साउथ एक्स इलाके में हुई थी.
हालांकि, संभल के लोग अब बस यही चाहते हैं कि उनके पैसे वापस मिल जाएं.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संभल में पहले भी बिटकॉइन के नाम पर धोखाधड़ी हुई है, लेकिन लोग पैसों के लालच में फंस जाते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.