राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम हटाए जाने के मामले पर बहस चल रही है। उनका नाम हटाने के हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने के लिए पूर्व क्रिकेटर अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अजहरुद्दीन पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं।
अजहरुद्दीन ने नियमों का किया दुरुपयोग
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी ईश्वरैया ने एचसीए की सदस्य इकाइयों में से एक लार्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि अजहरुद्दीन ने मनमाने फैसले लेकर तत्कालीन एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। न्यायमूर्ति ईश्वरैया एचसीए के आचरण अधिकारी भी हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेलने वाले अजहर ने दिसंबर 2019 में उत्तरी स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखने के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए पूर्व एचसीए अध्यक्ष के रूप में शीर्ष परिषद की बैठक में बैठकर नियमों का उल्लंघन किया। एचसीए संविधान के अनुसार किसी प्रस्ताव को आम सभा (एजीएम) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
पूर्व कप्तान ने क्या कहा?
अजहरुद्दीन ने कहा,”मैं निश्चित रूप से कानूनी सहारा लूंगा और इस आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। यह शर्म की बात है कि एक भारतीय कप्तान का नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है।”
पूर्व भारतीय कप्तान ने लोकपाल के आदेश की वैधता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है।
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