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होली के दिन छत्तीसगढ़ में नमाज़ का समय बदलने का आदेश, सियासत हुई तेज़

Byadmin

Mar 13, 2025


सलीम राज

इमेज स्रोत, Alok Putul

इमेज कैप्शन, छत्तीसगढ़ वक़्फ़ बोर्ड का कहना है कि किसी भी तरह के टकराव की आशंका को टालने के लिए नमाज़ का समय बदला गया है

छत्तीसगढ़ वक़्फ़ बोर्ड ने होली के दिन मस्जिदों में होने वाली दोपहर की नमाज़ का वक़्त बदलने का आदेश जारी किया है.

इस आदेश में ज़ुहर की नमाज़ दोपहर 1 से 2 बजे के बजाय 2 से 3 बजे के बीच अदा करने के लिए कहा गया है.

इधर वक़्फ़ बोर्ड के इस आदेश को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह मुस्लिम समाज पर थोपा गया फ़ैसला है. अगर ऐसा कोई फ़ैसला लेना भी था तो पहले समाज की बैठक बुला कर इस बारे में बातचीत करनी चाहिए थी.

छत्तीसगढ़ वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन सलीम राज ने कहा, “एक तरफ़ होली का पवित्र त्योहार है, दूसरी तरफ़ रमज़ान का पाक महीना चल रहा है और फिर जुमे की नमाज़ का दिन है. ऐसे में कोई टकराव न हो, इसलिए हमने यह आदेश जारी किया है.”

उन्होंने कहा, “आम तौर पर होली का त्योहार दोपहर एक बजे तक मनाया जाता है. ऐसे में कोई अप्रिय स्थिति न पैदा हो, माहौल ख़राब न हो, दंगा न भड़क जाए, इसलिए हमने नमाज़ का समय बदलने का आदेश जारी किया है.”

सलीम राज ने कहा, “अगर इस आदेश का पालन नहीं किया जाएगा तो संबंधित मस्जिद के मुतवल्ली के ख़िलाफ़ दंगा भड़काने और अशांति फैलाने की कार्रवाई की जाएगी.”

सलीम राज और पीएम मोदी

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इमेज कैप्शन, सलीम राज को छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वक़्फ़ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए सलीम राज ने, पिछले साल नवंबर में मस्जिदों में होने वाली तकरीर को लेकर भी एक आदेश जारी किया था.

इस आदेश में कहा गया था कि जुमे की नमाज़ के बाद होने वाली तकरीर के दौरान जो भी बयान दिए जाने हैं, पहले वक़्फ़ बोर्ड से उसकी मंजूरी ली जाए.

अब उनके ताज़ा आदेश को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सलीम राज संविधान के दायरे से बाहर जा कर काम कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बीबीसी से कहा, “ऐसा कई बार हुआ है, जब रमजान के महीने में होली का त्योहार पड़ा है. भाजपा के सलीम राज जैसे लोगों को छोड़ दिया जाए, तो हर हिंदु और मुसलमान एक दूसरे के त्योहार का सम्मान करते रहे हैं. कोई अप्रिय स्थिति कभी नहीं बनी. भाजपा के साथ संकट ये है कि ये पहले खुद विद्वेष की स्थितियां बनाती है और फिर उस पर राजनीति करती है.”

उनका कहना है कि सलीम राज धर्म गुरु नहीं हैं, उन्हें इस तरह का फ़ैसला नहीं थोपना चाहिए, वक़्फ़ बोर्ड का यह काम भी नहीं है.

उन्होंने कहा, “साप्ताहिक नमाज़ का एक समय तय है. लेकिन अगर ऐसा कोई फ़ैसला करना भी था तो पहले समाज के लोगों के साथ चर्चा करनी थी. लेकिन सिर्फ़ दलीय चाटुकारिता में यह निर्णय थोपा जा रहा है.”

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