इमेज स्रोत, Getty Images
इस साल जलवायु और प्रकृति के क्षेत्र में हासिल कुछ ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धियों की बात, जिनकी ओर शायद आपका ध्यान न गया हो.
पर्यावरण के मामले में इस साल की स्थिति कोई अनजानी नहीं है. उत्सर्जन बढ़ रहा है और प्रकृति का क्षरण जारी है. लेकिन फिर भी 2025 में कुछ सकारात्मक पहलू भी सामने आए हैं.
स्वच्छ ऊर्जा, संरक्षण और स्थानिक अधिकारों के क्षेत्र में चुनिंदा प्रयासों से जलवायु और प्रकृति के लिए कुछ ठोस सकारात्मक नतीजे मिले हैं.
समाचारों के शोरगुल में शांत उपलब्धियां कभी-कभी अनसुनी रह जाती हैं. इसलिए, नवीकरणीय ऊर्जा में नाटकीय वृद्धि से लेकर लुप्तप्राय कछुओं और बाघों की वापसी तक, 2025 में हासिल की गई सात महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर बीबीसी की एक नज़र.
1. नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेज़ी
पवन ऊर्जा के कारण अन्य देशों में भी वैकल्पिक ऊर्जा में काफी प्रगति हुई है. 2025 में ब्रिटेन में हुए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि पिछले साल पवन ऊर्जा सबसे बड़ा ऊर्जा स्रोत बन गई थी. यह लगभग एक तिहाई मांग को पूरा कर रही थी, जबकि ऊर्जा स्रोत के रूप में कोयले का इस्तेमाल लगभग समाप्त हो गया था.
वैश्विक स्तर पर, 80% से अधिक देशों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि की दर तेज़ हो रही है. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, इसी तरह चलता रहा तो 2030 तक कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता आज के स्तर की तुलना में दोगुनी हो जाएगी.
इमेज स्रोत, Getty Images
इस वृद्धि का ज़्यादातर श्रेय चीन को जाता है. कार्बन ब्रीफ़ के लिए किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, स्वच्छ ऊर्जा अभियान से चीन में इस साल पहली बार कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट देखी गई है. मई 2025 तक पिछले 12 महीनों में उत्सर्जन कम हुआ है.
हालांकि, अभी यह शुरुआती दौर है, लेकिन इससे संकेत मिलता है कि देश का उत्सर्जन अपने चरम पर पहुंच रहा है, और कार्बन ब्रीफ़ के एक दूसरे विश्लेषण के अनुसार, यह प्रवृत्ति साल के आखिर तक जारी रही.
वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर की एक रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर, चीन की वजह से स्वच्छ ऊर्जा में हो रही वैश्विक वृद्धि, जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाली ऊर्जा के उपयोग के चरम सीमा तक पहुंचने और उसके बाद वैश्विक स्तर पर गिरावट की परिस्थितियां पैदा कर रही है.
2. महासागरों का संरक्षण
देशों की सीमाओं से परे स्थित विशाल समुद्र विश्व के महासागरों का लगभग दो-तिहाई हिस्सा हैं. वर्तमान में, इस विशाल क्षेत्र का केवल एक फ़ीसदी ही संरक्षित है, लेकिन यह स्थिति जल्द ही बदलने वाली है.
देशें के जलक्षेत्र में स्थित महासागरों को भी अतिरिक्त सुरक्षा दी गई है. इस साल फ्रेंच पोलिनेशिया के तैनुई अटेआ में दुनिया का सबसे बड़ा संरक्षित समुद्री क्षेत्र (एमपीए) स्थापित किया गया है. इस एमपीए का उद्देश्य 11 लाख वर्ग किलोमीटर महासागर की रक्षा करना है.
इमेज स्रोत, Getty Images
3. वनों के संरक्षण के लिए उपाय
इस साल ब्राज़ील ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन यानी कॉप30 की मेज़बानी की थी. यह अमेज़न वर्षावन में आयोजित होने वाला संयुक्त राष्ट्र का पहला वैश्विक जलवायु सम्मेलन था और इसने वनों को एक प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म बनाया. नवंबर में ब्राज़ील के बेलेम में हुए सम्मेलन को ‘फ़ॉरेस्ट कॉप’ का उपनाम दिया गया.
ब्राज़ील ने मौजूदा वन क्षेत्रों के संरक्षण के लिए ट्रॉपिकल फ़ॉरेस्ट फ़ॉरएवर फ़ैसिलिटी (टीएफ़एफ़एफ़) नाम का एक फ़ंडिंग प्लेटफ़ॉर्म भी स्थापित किया है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण का मूल्य उनके विनाश से अधिक है, और उन लोगों को वित्तीय पुरस्कार दिए जाएं जिन्होंने अपने वनों को संरक्षित रखने के लिए सफल कदम उठाए हैं.
इमेज स्रोत, Getty Images
संयुक्त राष्ट्र की 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2015-25 की अवधि में वनों की वार्षिक कटाई दर 1990-2000 की तुलना में 38% कम थी, और अब आधे से अधिक वन क्षेत्र का प्रबंधन लंबे समय की योजनाओं के तहत किया जा रहा है.
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अब भी हर साल लगभग 10.9 मिलियन हेक्टेयर (26.9 मिलियन एकड़) क्षेत्र साफ़ किया जा रहा है, जिसका आकार अमेरिकी राज्य नेवाडा के लगभग बराबर है.
4. एक ऐतिहासिक केस
यह फ़ैसला इस अदालत और घरेलू अदालतों पर बाध्यकारी नहीं है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आईसीजे के निष्कर्षों का काफ़ी महत्व होता है और जलवायु संबंधी मामलों को अन्य जगहों पर जिस तरह से निपटाया जाता है, उन पर इसका काफ़ी प्रभाव पड़ सकता है.
5. कई प्रजातियों को विलुप्ति के कगार से बचाना
इमेज स्रोत, Getty Images
इस वर्ष कई लुप्तप्राय प्रजातियों ने उल्लेखनीय वापसी की, जिससे पता चलता है कि जैव विविधता के नुक़सान को धीमा करने या उसे उलटने में संरक्षण के उपाय कितने प्रभावी हो सकते हैं.
दशकों से किए जा रहे संरक्षण प्रयासों की बदौलत, कभी अपने अंडों और सजावटी खोलों के लिए शिकार किए जाने वाले हरे कछुओं को विलुप्ति के कगार से बचा लिया गया है.
संरक्षण प्रयासों में नवजात कछुओं को समुद्र तटों पर छोड़ना और मछली पकड़ने के जालों में ग़लती से इनके फंसने को कम करना शामिल है.
इससे हरे कछुओं की आबादी में इतनी वृद्धि हुई है कि इस साल इस प्रजाति को आईयूसीएन (प्रकृति संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ) की रेड लिस्ट में ‘लुप्तप्राय’ श्रेणी से ‘कम चिंताजनक’ श्रेणी में रखा गया है.
कछुए समुद्र तट पर रेत में अंडे देते हैं, जिसे ‘कछुओं का घोंसला बनाना’ कहते हैं.
वहीं, भारत में अब दुनिया के 75 प्रतिशत बाघ पाए जाते हैं. सौतिक बिस्वास की जनवरी 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, एक दशक से थोड़े ही अधिक समय में भारत में बाघों की संख्या दोगुनी होकर 3,600 से अधिक हो गई है.
ये बाघ 1,38,200 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैले हुए हैं, जो लगभग ब्रिटेन के आधे आकार का है. यहां लगभग 6 करोड़ लोग रहते हैं और बाघों को बचाने के साथ ही इंसानों के साथ उनके संघर्ष को कम करने के लिए काफ़ी प्रयास किए गए हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बहुमूल्य सबक मिले हैं और दुनिया को पता चला है कि संरक्षण किस प्रकार बाघों की रक्षा कर सकता है, जैव विविधता को बढ़ावा दे सकता है और स्थानीय समुदायों की मदद कर सकता है.
6. स्थानीय समुदायों का विकास
इस साल, संयुक्त राष्ट्र के स्तर पर स्थानीय समुदायों को औपचारिक रूप से ग्रह के संरक्षण और प्रबंधन के अग्रणी के रूप में मान्यता दी गई.
एक नई स्थायी समिति के गठन के समझौते ने इस अधिकार को मान्यता दी. इससे वार्ता में मूल निवासियों की पहले की अनौपचारिक और प्रतीकात्मक स्थिति को एक स्थायी और औपचारिक दर्जा मिल गया.
ब्राज़ील में आयोजित कॉप30 जलवायु सम्मेलन में भी पुश्तैनी ज्ञान के महत्व पर बल दिया गया. यहां, कॉप के इतिहास में मूल निवासियों के सबसे बड़े प्रतिनिधिमंडल ने उनका प्रतिनिधित्व किया, जिसमें लगभग 2,500 मूल निवासी शामिल हुए.
जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान हासिल उपलब्धियों में नए वित्तीय अनुदानों को अपनाना और स्थानिक भूमि अधिकारों को मान्यता देने की प्रतिबद्धताएं शामिल रहीं. अकेले ब्राज़ील में ही 10 नए स्थानिक क्षेत्र बनाए गए. लेकिन चिंताएं बनी हुई हैं कि ये वादे वास्तविक बदलाव में तब्दील नहीं होंगे.
इस बीच, कई स्थानीय समुदायों के लिए ख़तरे अब भी जारी हैं. सम्मेलन के दौरान, सर्वाइवल इंटरनेशनल ने ब्राज़ील के दक्षिण में एक गुआरानी काइओवा नेता की हिंसक हत्या की ख़बर दी.
7. क्लैमथ नदी का पुनर्जीवन
इमेज स्रोत, Getty Images
कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़िश एंड वाइल्डलाइफ़ के क्लैमथ वाटरशेड प्रोग्राम के पर्यावरण प्रबंधक माइकल हैरिस ने लोकल मीडिया को बताया, “इस समय पूरे इलाके में सैमन ही सैमन मछलियां हैं. उनकी वापसी की गति कमाल की है.”
कई पीढ़ियों से नदी के ऊपरी इलाकों से सैमन मछली गायब थी. लेकिन आदिवासी नेतृत्व वाले एक अभियान के परिणामस्वरूप, दशकों से नदी को बुरी तरह प्रदूषित करने वाले चार जलविद्युत बांधों को 2024 में तोड़ दिया गया. इससे शक्तिशाली क्लैमथ नदी एक बार फिर स्वतंत्र रूप से बहने लगी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.