4 लाख नाम कटे, 8 लाख जुड़े
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार की वोटर लिस्ट से 4,09,434 वोटरों के नाम हटाए गए हैं। इनमें 1,71,421 महिला वोटर, 2,37,967 पुरुष वोटर और 46 ट्रांसजेंडर वोटर शामिल हैं। वहीं, 7,94,466 नए वोटरों के नाम जोड़े गए हैं। हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने को लेकर काफी विवाद हुआ था। बिहार में भी चुनाव नजदीक आने पर इस तरह के विवाद हो सकते हैं। नालंदा, मधुबनी, किशनगंज और अररिया जैसे जिलों में महिला वोटरों के नाम ज्यादा संख्या में काटे गए हैं।
होली से पहले आएगी आयोग की टीम
चुनाव आयोग की टीम बिहार में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने आ रही है। यह टीम होली से पहले दो दिनों के लिए बिहार आएगी। इस दौरान वे जिलाधिकारियों, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ बैठकें करेंगी। इन बैठकों में आयकर विभाग, उत्पाद विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना है।
दिवाली-छठ बाद मतदान की संभावना
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की उम्मीद है। चूंकि अक्टूबर में दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहार हैं, इसलिए चुनाव आयोग त्योहारों के बाद ही मतदान कराएगा। चुनाव की तारीखों की घोषणा सितंबर के आखिर में होने की संभावना है। चुनाव आयोग की टीम ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच भी करेगी। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
भागलपुर और मुजफ्फरपुर पर भी नजर
चुनाव आयोग की टीम पटना में अधिकारियों के साथ बैठक करने के अलावा, राज्य के अन्य जिलों का भी दौरा करेगी। भागलपुर और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में जाकर वे स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी और चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगी। वे यह भी देखेंगे कि क्या जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
बिहार में एनडीए Vs महागठबंधन
बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच होगा। NDA में भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJP-R), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और वामपंथी दल शामिल हैं। इसके अलावा, पशुपति पारस की RLJP भी महागठबंधन में शामिल हो सकती है। राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं, इसलिए चुनाव तक गठबंधनों का स्वरूप और भी बदल सकता है।