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47 डिग्री की तपिश में राजस्थान में शिक्षक क्यों निकाल रहे हैं पदयात्रा, जानें वजह – rajasthan teachers padyatra jaipur showdown over 17 demands including transfer policy old pension scheme

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May 27, 2025


झुंझुनूं: राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने सरकार की वादाखिलाफी और उपेक्षा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सोमवार को सीकर से जयपुर तक सात दिवसीय पदयात्रा का शंखनाद किया। इसमें झुंझुनूं जिले से करीब 200 शिक्षक भागीदारी दे रहे हैं। 27 मई से शुरू हुई यह पदयात्रा 2 जून को राजधानी जयपुर में विशाल प्रदर्शन में तब्दील होगी। कहा जा रहा है कि यह सिर्फ मार्च नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की पुकार है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों की 17 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।

गर्मी भी नहीं रोक सकी ‘गुरुजी’ का जुनून

जहां आम लोग दोपहर में घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं, वहीं सैकड़ों शिक्षक जलते हाईवे पर नारे बुलंद करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। अबकी बार अधिकार लेकर ही लौटेंगे, “स्थानांतरण नीति दो – गुरुजी को न्याय दो” जैसे नारों के साथ सीकर, झुंझुनूं और आस-पास के जिलों से आए शिक्षक सडक़ों पर डटे हैं। सीकर के कल्याण सर्किल से सैकड़ों शिक्षक जयपुर की ओर रवाना हुए। हाथों में तख्तियां, सिर पर पसीने और दिलों में उम्मीदें लेकर ये शिक्षक सरकार को एक मजबूत संदेश दे रहे हैं।

प्रमुख मांगें जो बनी आंदोलन की वजह

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) की इस पदयात्रा के केंद्र में हैं 11 प्रमुख मांगें, जिनमें शामिल हैं-तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करना,स्थायी स्थानांतरण नीति का निर्माण, लंबित डीपीसी (पदोन्नति प्रक्रिया) को शीघ्र पूर्ण करना, गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति, पुरानी पेंशन योजना को बहाल रखना, नई शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा और विरोध, वेतन विसंगतियों को दूर करना। इधर झुंझुनूं जिलाध्यक्ष अशोक कटेवा, जिला मंत्री जगदीश सिंह ढाका और प्रदेश महामंत्री उपेंद्र सिंह ने साफ कहा है- “अब बात आंदोलन की नहीं, आर-पार की है। जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, यह संघर्ष जारी रहेगा।”

सरकार का 100 दिन में वादा, डेढ़ साल बाद भी अधूरा

शिक्षक नेताओं ने याद दिलाया कि वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहले 100 दिनों में स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया था, लेकिन डेढ़ साल गुजर जाने के बावजूद कोई नीति लागू नहीं की गई। इसके विपरीत, शिक्षकों को बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यों में झोंककर उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है।

2 जून को जयपुर में होगा ‘शिक्षक शक्ति’ का प्रदर्शन
27 मई से सीकर से शुरू हुई पदयात्रा रास्ते में शिक्षकों से संवाद करती हुई एक जनू को राजधानी पहुंचेगी और 2 जून को जयपुर में सचिवालय के सामने हजारों शिक्षक एकत्रित होकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है-अगर सरकार ने शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो जयपुर में अनिश्चितकालीन पड़ाव डाला जाएगा।

गर्मी और धूप की परवाह नहीं, अधिकार चाहिएमहामंत्री उपेंद्र सिंह ने कहा, हम कोई भीख नहीं मांग रहे, अपने हक की बात कर रहे हैं। सरकार को अब जागना होगा। यह पदयात्रा चेतावनी है। अगर नहीं सुना गया, तो शिक्षा की सबसे बड़ी ताकत एकजुट होकर बदलाव लाएगी।

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