कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनता और संविधान ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो कहते थे कि हम कभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। गृहमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की आलोचना भी की।
पीटीआई, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और उसके शासन के दौरान संविधान में किए गए कुछ संशोधनों को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों द्वारा किए गए संशोधन नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए हैं।
राहुल पर कसा तंज
राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्होंने तंज कसा कि एक 54 वर्ष के युवा घूमते रहते हैं कि भाजपा संविधान बदल देगी। वह जान लें कि संविधान बदलने का प्रविधान संविधान में ही है। भाजपा ने 16 वर्ष शासन किया और 22 बार संविधान में परिवर्तन किया। कांग्रेस ने 55 वर्ष में 77 संशोधन किए। परिवर्तन करने का उद्देश्य क्या था? क्या लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए किए गए? या अपनी राज्यसत्ता को बचाने के लिए किया गया? इसी से पार्टी का चरित्र और संविधान में विश्वास का पता चलता है।
मोहब्बत की दुकान
संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर राज्यसभा में बहस के समापन पर बोलते हुए अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनके इस आरोप के लिए कटाक्ष किया कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है। उन्होंने राहुल गांधी पर उनके “मोहब्बत की दुकान” नारे को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि प्यार और स्नेह कोई दुकान में बिकने वाली चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने हर गांव में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने की बात करने वालों के भाषण भी सुने हैं। प्यार बेचने की चीज नहीं है। यह एक भावना है, जिसे दिल में जगाया जाना चाहिए, यह दूसरों में जगाने का क्षण है।
कांग्रेस के पास धैर्य नहीं
उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए किए गए कुछ संशोधनों को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि पहला संशोधन 18 जून 1951 को किया गया था। संविधान बनने के बाद कांग्रेस के पास इतना धैर्य नहीं था कि वह सत्ता में जाने से पहले लोकसभा चुनाव का इंतजार कर सके।
एनडीए सरकार ने मुसलमानों के लिए कई पहल की
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए सालों तक मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा। मोदी सरकार ने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त किया और एनडीए सरकार ने मुसलमानों के लिए कई पहल की हैं, जिसमें तीन तलाक को खत्म करना भी शामिल है।
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