भारतीय नौसेना की 12 सदस्यीय महिला टीम पोत त्रिवेणी से 55 दिवसीय सेशेल्स अभियान पर रवाना हुई। इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत कोलाबा स्थित नौसेना प्रशिक्षण केंद्र से हुई। रक्षा मंत्रालय ने इसे महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया और कहा कि यह मिशन रानी लक्ष्मीबाई व अन्य योद्धाओं को श्रद्धांजलि है। अभियान 2026 में होने वाले एक बड़े मिशन की तैयारी का प्रारंभिक चरण है।
पीटीआई, मुंबई। तीनों सेनाओं का एक महिला दल सोमवार को भारतीय सशस्त्र नौकायन पोत त्रिवेणी से सेशेल्स के लिए 55 दिवसीय अभियान पर रवाना हुआ। कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एके रमेश ने कोलाबा स्थित भारतीय नौसेना जलयात्रा प्रशिक्षण केंद्र से पोत को हरी झंडी दिखाई गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 12 सदस्यीय दल ने 4,000 समुद्री मील की चुनौतीपूर्ण यात्रा शुरू की है। यह पहल नारी शक्ति की अदम्य भावना को उजागर करती है। यह अभियान 2026 के लिए नियोजित एक और अधिक महत्वाकांक्षी अभियान के लिए एक प्रारंभिक चरण के रूप में कार्य करेगा। दल में शामिल महिलाओं को दो साल तक कठोर प्रशिक्षण दिया गया।
महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मुंबई-सेशेल्स-मुंबई अभियान न केवल सशस्त्र बलों में महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि रानी वेलु नचियार, रानी दुर्गावती और रानी लक्ष्मी बाई जैसी महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि है, जिनके कार्य पीढि़यों को प्रेरित करते रहेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के सफल समापन को चिह्नित करते हुए 30 मई को ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
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