पीटीआई, मुंबई। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को पुणे में लगे उन बैनरों पर निराशा व्यक्त की, जिसमें उनसे ‘जागने’ और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने का आग्रह किया गया है।
मीडिया से बात करते हुए हजारे ने कहा कि मैं जो कर सकता था, उसे मैंने कर दिया है। अब समय आ गया है कि युवा मेरे काम को आगे बढ़ाएं। बैनरों पर लिखा गया है, ‘अन्ना, अब तो जाग जाओ। कुंभकर्ण भी रावण और लंका के लिए गहरी नींद से जाग उठा था, तो आप भी देश के लिए ऐसा क्यों नहीं करते।’
इसमें यह संदेश भी दिया गया कि राष्ट्र दिल्ली के जंतर-मंतर पर हजारे का ‘जादू’ फिर से देखने के लिए उत्सुक है। हजारे ने बैनर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने 10 कानून बनवाए हैं, लेकिन 90 साल के बाद भी यदि लोग मुझसे यह उम्मीद करते हैं कि मैं उनके सोते रहने के बावजूद सब कुछ करता रहूं तो यह उम्मीद गलत है। मैंने जो किया है, उसे युवाओं को आगे बढ़ाना चाहिए।