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Aaditya Thackeray: ‘महाराष्ट्र सरकार को कोर्ट ने दिया बड़ा झटका’, आदित्य ठाकरे का दावा, क्या है मामला? – aaditya thackeray big claim about gaimukh tunnel said courts slams devendra fadnavis eknath shinde ajit pawar mahayuti govt

Byadmin

May 31, 2025


मुंबई: शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने गौमुख टनल की टेंडर प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए। आदित्य ठाकरे ने कहा कि कोर्ट ने इस सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया है। यह झटका किसी और ने नहीं बल्कि सरकार ने ही महसूस किया है। क्योंकि जो जेबें वे भर रहे थे, वे अब कट गई हैं। मैं कोर्ट को तहे दिल से बधाई देता हूं। साथ ही एलएनटी कंपनी को भी बधाई देता हूं जो कोर्ट गई, उन्होंने भी कोर्ट जाने की हिम्मत की। क्योंकि ठेकेदार लड़ने की हिम्मत नहीं करता। लेकिन आज हम देखते हैं कि कोर्ट के आदेश के बाद यह टेंडर रद्द कर दिया गया है।

आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?
आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर बोलने से पहले दो दिन इंतजार करने का फैसला किया। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि अदालती प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक हस्तक्षेप हो। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल 3 अक्टूबर को उन्होंने मातोश्री में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस समय उन्होंने इस सड़क और घोटाले के बारे में जानकारी दी थी।

14,000 करोड़ रुपये के टेंडर पर जल्दबाजी क्यों?

आदित्य ठाकरे ने पूछा कहा कि 14,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था। गौमुख भायंदर से बोरीवली तक जो सुरंग बननी थी, उसका निर्माण एमएमआरडीए को करना था। टेंडर 13 सितंबर 2024 को जारी होना था और अंतिम तिथि 3 अक्टूबर 2024 थी। तब भी मैंने सवाल पूछा था कि चुनाव से ठीक पहले इतनी जल्दी क्या है? इस प्यारे ठेकेदार के लिए आप टेंडर के लिए सिर्फ 20 दिन दे रहे हैं। इतनी जल्दी क्या है कि चाहे एलिवेटेड रोड हो या ट्विन टनल, आपको टेंडर प्रक्रिया 20 दिन में पूरी करनी है?

मैंने कहा था कि यह भ्रष्टाचार है-आदित्य ठाकरे
आदित्य ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संदेह जताया कि कोई भी शॉर्ट टेंडर काम सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों के लिए होता है। जहां भूस्खलन हुआ हो, दीवार टूटी हो, उन कामों के लिए शॉर्ट टेंडर नोटिस होता है। लेकिन इतने बड़े काम के लिए शॉर्ट टेंडर नोटिस जारी किया गया। मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी और सवाल भी पूछे थे। मैंने कहा था कि यह भ्रष्टाचार है। लेकिन एमएमआरडीए ने कहा कि यह घोटाला नहीं है, बल्कि ऐसा अक्सर होता है। लेकिन कोई व्यक्ति कोर्ट चला गया था। फिर कोर्ट में एमएमआरडीए ने कहा था कि हम यह टेंडर प्रक्रिया 20 नहीं बल्कि 60 दिनों के लिए ले रहे हैं। वहां यह साबित हो गया कि इसमें कुछ गड़बड़ है।

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