जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को नियंत्रित नहीं करना चाहती है, लेकिन इसके गलत-सही परिणाम को ध्यान में रखते हुए इसके संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को इलेक्ट्रानिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में इंडिया एआइ मिशन के तहत ये दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। इस दिशा-निर्देश के सात स्तंभ होंगे और उनमें सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ भरोसे का होगा।
भरोसे की मदद से लोगों तक पहुंचाया जाए एआई का लाभ
सरकार का मानना है कि एआइ की पूरी वैल्यू चेन में भरोसे की मदद से ही एआइ का लाभ बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। दिशा-निर्देश का दूसरा स्तंभ सबसे पहले मानव से जुड़ा है। सरकार का मानना है कि एआइ प्रणाली पर अंतिम नियंत्रण मानव का ही होगा और एआइ का उपयोग भी मानव के लिए ही होना है। इसलिए किसी भी चीज से पहले मानव की भलाई का ध्यान रखना होगा। तीसरा स्तंभ इनोवेशन से जुड़ा है।
विकास के लिए इस्तेमाल किया जाए एआई
सरकार का मानना है कि एआइ में बिना इनोवेशन के विकास के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। वैश्विक रूप से मुकाबले में आने के लिए भी इनोवेशन जरूरी है। दिशा-निर्देश का चौथा स्तंभ समानता और निष्पक्षता से जुड़ा है। मतलब एआइ का इस्तेमाल सभी के विकास के लिए हो न कि सीमित लोगों के लिए। एआई की मदद से समावेशी विकास का लक्ष्य होना चाहिए और सबसे पिछड़े वर्ग को भी इसका फायदा मिलना चाहिए। पांचवां स्तंभ जिम्मेदारी से जुड़ा है।
एआइ के डेवलपर्स और इसके लागू करने वाले इसकी जिम्मेदारी से जुड़े होंगे। सबकी जिम्मेदारी स्पष्ट तौर पर बंटी होगी। छठा स्तंभ एआइ की डिजाइनिंग से जुड़ा होगा। एआइ की डिजाइनिंग ऐसी हो जो लोगों के समझ में आए। यूजर्स यह समझ सके कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है और इसके परिणाम क्या होंगे। ताकि किसी प्रकार का कोई असमंजस नहीं रहे।
सातवां स्तंभ सुरक्षा और सतत विकास से जुडा होगा ताकि एआइ को एक ऐसी सुरक्षा प्रणाली के साथ डिजाइन किया जाए जिससे कम से कम नुकसान हो और किसी भी नुकसान से पहले उसकी चेतावनी मिल जाए। इस सात स्तंभ के आधार पर एआइ के दिशा-निर्देश को विकसित करने के लिए छह अन्य स्तंभ की जरूरत पड़ेगी। इनमें, कैपेसिटी बिल्डिंग (क्षमता निर्माण), नीति व नियामक, जोखिम को कम करना, जिम्मेदारी और संस्था शामिल है।
मंत्रालय का मानना है कि एआई के विकास के लिए बड़े पैमाने पर डाटा और कंप्यूटिंग एक्सेस की जरूरत होगी। कृषि, शिक्षा और हेल्थकेयर में एआई के सकारात्मक इस्तेमाल के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी।