Air Pollution दीपावली के दिन ही पराली जलने की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। इसे देखते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वायु गुणवत्ता आयोग के जरिए दोनों राज्यों को सतर्क किया है। पिछले साल हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई थी। वर्ष 2022 में दीपावली पर दोनों राज्यों में पराली जलने की सबसे अधिक करीब 16 हजार घटनाएं रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दीपावली वैसे तो खुशियों का पर्व है। जिसमें लोग एक-दूसरे की खुशी, समृद्धि व बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में दीपावली के बाद हवाएं जिस तरह से जानलेवा हो जाती है, उनमें लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।
पिछले साल भी जली थी पराली
मौका देखकर देते हैं अंजाम
- मंत्रालय से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में वैसे तो 50 प्रतिशत तक पराली कट या जल चुकी है। बाकी पराली को किसान जल्द ही साफ करेंगे, क्योंकि उन्हें बुआई भी करनी है।
- ऐसे में वह दीपावली का मौका देखकर इस काम अंजाम दे सकते है। यह समय उनके लिए इसलिए भी मुफीद रहता है, क्योंकि त्योहार के चलते मैदानी अमले का मूवमेंट कम रहता है।
- यही वजह है कि दीपावली के दिन विशेष सतर्कता बरतने के लिए निर्देश दिए गए है। साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम को भी अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा है।
पराली जलने के सबसे अधिक मामले
वहीं 2023 में दीपावली 12 नवंबर को थी और उस दिन पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में पराली जलने की करीब 15 हजार घटनाएं रिपोर्ट हुई थी। जो एक दिन में उस सीजन में पराली जलने की सबसे अधिक मामले थे।
वहीं, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्लीवासियों से दिवाली पर पटाखे फोड़ने से परहेज करने और दीये जलाने को कहा। उन्होंने कहा कि दिवाली रोशनी का त्योहार है, पटाखों का नहीं।यह भी पढ़ें: Weather: पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में हल्की ठंड का अहसास; इन इलाकों में हो सकती है बारिश