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Ajit Pawar: चुनाव से पहले महाराष्ट्र NDA में खेला, ‘नाराज’ अजित पवार ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस, क्या करेंगे फैसला? – ajit pawar ncp news conflict nda mahayuti before maharashtra election know all

Byadmin

Oct 11, 2024


मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले कुछ बड़ी राजनीतिक हचलच होने वाली है। गुरुवार को मुंबई में हुई आखिरी कैबिनेट मीटिंग में ड्रामा देखने को मिला। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार सिर्फ 10 मिनट के लिए ही वहां रुके और रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के बाद चले गए। पवार के जाने के बाद भी मीटिंग ढाई घंटे तक चली। इसमें 38 फैसले लिए गए। इनमें से ज़्यादातर फैसलों का वित्तीय पहलू भी था। वहीं शुक्रवार को अजित पवार ने प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर राजनीतिक हलकों में माहौल गर्म कर दिया है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अजित पवार आगामी चुनाव को लेकर कुछ कड़े फैसले ले सकते हैं।अजित पवार क्यों नाराज?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक की अध्यक्षता की और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस उनके साथ थे। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अजित पवार शायद कामकाज के तरीके से खुश नहीं थे। हो सकता है कि आखिरी समय में बिना किसी पूर्व सूचना के कैबिनेट मीटिंग में इतने सारे जरूरी प्रस्ताव लाए जाने से वो नाराज हों। दरअसल पिछले कुछ हफ़्तों में वित्त विभाग ने कैबिनेट में लाए गए कई प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है।

मतभेद को किया खारिज
बार-बार कोशिश करने के बाद भी अजित पवार से इस बारे में बात नहीं हो पाई। लेकिन NCP के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि महायुति में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। सुनील तटकरे ने कहा कि मैं रायगढ़ में था और मुझे नहीं पता कि कैबिनेट में क्या हुआ। लेकिन महायुति में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। अगर कोई जल्दी चला भी गया है तो इसे ज़्यादा नहीं समझना चाहिए।

सरकार ने तोहफों की बारिश की
शिंदे सरकार चुनाव से पहले ही 96,000 करोड़ रुपये के तोहफों की घोषणा कर चुकी है। इसमें ‘लाडली बहन’ योजना भी शामिल है। अकेले ‘लाडली बहन’ योजना पर सालाना 46,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। चुनाव से पहले राज्य सरकार जमीन आवंटन, सब्सिडी और गारंटी देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वित्त विभाग ने पहले ही चेतावनी दी है कि 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

बढ़ सकता है राजकोषीय घाटाविभाग ने चेतावनी दी है कि राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के 3% को पार कर गया है, जो महाराष्ट्र राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम द्वारा निर्धारित सीमा है। एक अधिकारी ने कहा कि शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब अजित पवार इस तरह से कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए। इसकी असली वजह तो पता नहीं है, लेकिन ऐसा कम ही होता है। पूरी मीटिंग के दौरान उनकी कुर्सी खाली रही। पिछले कुछ हफ़्तों में महायुति के साझेदारों- शिवसेना और अजित पवार की NCP के बीच मतभेद सामने आए हैं।

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