बेरोजगारी पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने खासतौर पर मुद्रा योजना का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि क्या सच में 52 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिला है? यदि यह सच है, तो उन 52 करोड़ लाभार्थियों द्वारा दो-दो लोगों को रोजगार देने के बाद देश में बेरोजगारी की दर शून्य क्यों नहीं हुई? उन्होंने यह भी कहा कि मुद्रा योजना और बेरोजगारी के आंकड़ों में भारी विसंगति है, क्योंकि दोनों ही सरकारी आंकड़े हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 33 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा योजना के तहत लोन किसके खाते में गए हैं?
हिडन अंडरग्राउंड फौज का मुद्दा
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि किसी सांसद के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो मुख्यमंत्री स्वयं इसके लिए जिम्मेदार होंगे। सपा प्रमुख ने यूपी में बढ़ते अपराधों पर भी चिंता जताई और कहा कि जैसे हिटलर के समय टूपर्स होते थे। वैसे ही भाजपा सरकार ने एक ‘हिडन अंडरग्राउंड फौज’ तैयार की है, जो समय-समय पर लोगों को अपमानित करती है।
कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने इस मौके पर समाजवादी पार्टी में कुछ महत्वपूर्ण नेताओं के शामिल होने की भी जानकारी दी। इनमें दद्दू प्रसाद का नाम शामिल है जो पहले मायावती के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रह चुके थे। वे अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अखिलेश यादव ने भाजपा के शासन में लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब तक सत्ता में बदलाव नहीं होगा, तब तक ऐसे सवालों के जवाब मिलना मुश्किल हैं।