अखिलेश ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि ये 8 साल पहले लगी नोटबंदी की लाइन नहीं है, कल की तस्वीरें हैं। यहां किसान और उनके परिवारवाले खाद पाने की उम्मीद में लाइनें लगाकर बैठे हैं। दरअसल, वीडियो में बड़ी संख्या में किसानों और उनके परिजनों को लाइन लगाकर बैठे देखा जा सकता है।
अखिलेश ने इसको लेकर भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा पहले तो केवल बोरी में चोरी करती थी, अब तो बोरी ही चोरी हो गयी है। उन्होंने नारा देते हुए कि बिक रही है ‘खाद’ ऊंचे दाम में, भ्रष्ट भाजपाइयों के गोदाम में!
नोटबंदी का किया जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात 8:00 बजे देश में नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद हो गया। इस मसले को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। अखिलेश यादव ने 8 साल पहले हुई नोटबंदी से किसानों के खाद की किल्लत वाली लाइन को जोड़ा और उस समय की स्थिति को याद करने का प्रयास किया। अब इस मामले पर राजनीति गरमाने लगी है।
दरअसल, नोटबंदी के ऐलान के बाद लोग पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंक के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगाकर खड़े हुए थे। अखिलेश यादव उसी का जिक्र करते दिख रहे हैं। पश्चिमी यूपी के कई जिलों में खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए किसानों को खेत के आधार पर खाद देने का ऐलान किया गया है। इसको लेकर परिवार के लोगों के साथ किसान खाद के लिए पहुंच रहे हैं।