केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि डेरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य पशु चारा गोबर प्रबंधन और मृत पशुओं के अवशेषों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेरी क्षेत्र का सतत विकास किया जाएगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि डेरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य पशु चारा, गोबर प्रबंधन और मृत पशुओं के अवशेषों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना है।
श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेरी क्षेत्र का सतत विकास किया जाएगा
उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेरी क्षेत्र का सतत विकास किया जाएगा। अमित शाह ने सहकारी डेरी क्षेत्र में स्थिरता पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जब हम श्वेत क्रांति 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं तो हमारा लक्ष्य केवल डेरी सहकारिता का विस्तार करना और उन्हें दक्ष एवं प्रभावी बनाना ही नहीं होना चाहिए बल्कि डेरी के एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहिए, जो सतत हो और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता हो।
एकीकृत सहकारिता के नेटवर्क का सृजन करना होगा
उन्होंने कहा कि अगर किसानों की आय में बढ़ोतरी करनी है तो हमें एकीकृत सहकारिता के नेटवर्क का सृजन करना होगा, जहां ज्यादातर कार्य पारस्परिक सहयोग और सहकारिताओं के बीच में ही हों।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए डेरी क्षेत्र के लिए तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
पशुओं के अवशेषों के चक्रीय उपयोग को बढ़ावा देगी
पहली समिति पशु चारा उत्पादन, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान पर काम करेगी। दूसरी गोबर प्रबंधन के मॉडल विकसित करेगी और तीसरी मृत पशुओं के अवशेषों के चक्रीय उपयोग को बढ़ावा देगी।
क्रेडिट का प्रत्यक्ष लाभ किसानों तक पहुंचाया जाए
शाह ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वैज्ञानिक मॉडल के माध्यम से कार्बन क्रेडिट का प्रत्यक्ष लाभ किसानों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने दुग्ध संघों एवं सहकारी समितियों को सशक्त बनाने और डेरी संयंत्रों में खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। ये सभी प्रयास न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेंगे बल्कि डेयरी क्षेत्र को अधिक सतत एवं पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होंगे।
सहकारिता मंत्री ने अमूल जैसे सफल सहकारी मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ का विजन आज साकार हो रहा है। इसमें ‘सहकारिता में सहकार’ एक अहम भूमिका निभा रहा है।उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों के साथ मिलकर न केवल डेरी क्षेत्र में इस सफलता को आगे बढ़ा रहा है बल्कि ग्राम स्तरीय सहकारी समितियों को अन्य गतिविधियों से भी जोड़कर उन्हें विस्तारित और मजबूत कर रहा है। ये सभी प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को समेकित रूप से हासिल करने में सहायक सिद्ध होंगे।
ये लोग भी रहे मौजूद
उन्होंने सहकारिता के उन्नयन के लिए कार्य कर रही राष्ट्रीय संस्थाओं जैसे राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, नाबार्ड आदि की सराहना की। बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल सिंह गुर्जर और मुरलीधर मोहाल भी उपस्थित रहे।
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