इधर, तीन सदस्य जांच कमेटी की गठित
कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता सक्सेना ने कहा कि घटना के बारे में उन्हें आज ही पता लगा है। परिजनों ने अस्पताल अधीक्षक को शिकायत दी थी। मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित कर दी गई है। जांच के बाद ही असलियत का पता लग पाएगा कि आखिरकार अटेंडेंट का ऑपरेशन की गलफत कैसे हुई।
यह था पूरा मामला
गौरतलब है कि अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट में एक मरीज के हाथ में डायलिसिस फिस्टुला बनाना था। यह हाथ में चीरा लगाकर नसों को जोड़कर बनाया जाता है, ताकि मरीज की डायलिसिस आसानी से हो सके। इसी नाम का एक अटेंडेंट बारां के अटरू निवासी जगदीश अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर के बाहर बैठा हुआ था, जिसके बेटे मनीष का ऑपरेशन प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट कर रहा था। ऑपरेशन थिएटर के बाहर स्टाफ ने आकर जैसे ही आवाज दी, तब जगदीश नाम के अटेंडेंट ने हाथ ऊंचा कर दिया। इसके बाद स्टाफ उसे अंदर ले गया और ऑपरेशन थिएटर पर टेबल पर लेटा दिया। उसके हाथ में फिस्टुला बनाने के लिए चीर भी लगा दिया गया। तभी उसके बेटे का इलाज कर रहे डॉक्टर वहां आ गए। उन्होंने देखा कि यह तो उनके मरीज का अटेंडेंट है। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
राजस्थान देश का सबसे बेहतरीन हेल्थ मॉडल स्टेट बन गया था कांग्रेस सरकार में
कोटा में बेटे की जगह पिता के चीरा लगाने की घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने X लिखा कि हमारी कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान देश का सबसे बेहतरीन हेल्थ मॉडल स्टेट बन गया था। सबसे ज्यादा इंश्योरेंस कवरेज, सबसे ज्यादा नए PHC, CHC, उपजिला अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल, जिला अस्पताल, रेफरेल हॉस्पिटल, नए मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, नए डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ की भर्तियां, शानदार कोविड मैनेजमेंट, राइट टू हेल्थ कानून आदि देशभर में चर्चा में रहे। अब मेडिकल से संबंधित रोज आने वाली खबरें राजस्थानियों को शर्मसार करने वाली हैं।
RUHS जैसे बड़े अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर तक में AC नहीं
गहलोत भजनलाल सरकार के लिए लिखते हैं कि सरकारी अस्पतालों में न दवाएं हैं, न इलाज हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सरकारी अस्पतालों में गर्मी से निपटने के लिए कूलर, AC तक नहीं हैं। रखरखाव के लिए पैसा न देने के कारण RUHS जैसे बड़े अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर तक में AC नहीं है। मीडिया में यहां तक खबरें आने लगी हैं कि कहीं मरीज की जगह उनके पिता की सर्जरी की जा रही है तो कहीं मृतक के शव को सम्मानपूर्वक ले जाने के लिए शव वाहन तक उपलब्ध नहीं है।
चिकित्सा विभाग से जुड़ी तमाम योजनाओं को भी फ्लैगशिप स्कीमों की सूची से बाहर कर दिया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं हैं, परन्तु ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। इस स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।
आप पार्टी ने भी घेरा, कलेक्टर को दिया ज्ञापन
कोटा शहर जिला के आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष एडवोकेट कुंज बिहारी सिंघल ने आज कोटा कलेक्टर को बेटे की जगह पिता की सर्जरी करने के मामले को लेकर ज्ञापन दिया। कलेक्टर से मांग की गई कि जो भी चिकित्सक या चिकित्सा स्टाफ गलती करने का दोषी हैं उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।और गलफत वाली घटना के पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिया जाए।
भाजपा किसान मोर्चा ने भी उठाई यह मांगइस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा की भजनलाल सरकार विपक्ष से घिरी हुई है, तो आज सत्ता पक्ष की ओर से भाजपा किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता सक्सेना से मुलाकात की। उन्होंने मांग कि ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक और मेडिकल टीम को बर्खास्त कर धारदार हथियार से हमले के समान कार्यवाही की जाए। इधर, प्रिंसिपल डा.संगीता सक्सेना ने 48 घंटे में जांच पूरी कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश नायक रघुवंशी के नेतृत्व में कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल से मिले थे।