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Ashwini Vaishnaw Starlink Post,पहले स्‍वागत फिर डिलीट कर दी पोस्‍ट, स्‍टारलिंक की एंट्री पर ऐसा कन्‍फ्यूजन क्‍यों, क‍िस पसोपेश में सरकार? – starlink india entry government dilemma and telecom companies concerns

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Mar 13, 2025


नई दिल्‍ली: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को एलन मस्क की कंपनी स्‍टारलिंक का भारत में स्वागत किया। फिर पोस्ट डिलीट कर दी। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स’ पर पोस्ट में रेल मंत्री वैष्णव ने लिखा, ‘स्‍टारलिंक भारत में आपका स्वागत है! दूर-दराज के रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए उपयोगी होगा।’ लगभग एक घंटे बाद पोस्ट हटा दी गई। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल और जियो ने स्‍टारलिंक के साथ करार किए हैं। ये करार स्‍टारलिंक की सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाएं देने के लिए हैं। लेकिन, सरकार से मंजूरी मिलना जरूरी है।मंगलवार को एयरटेल ने स्‍पेसएक्‍स के साथ समझौते की घोषणा की। स्‍पेसएक्‍स एलन मस्क की कंपनी है। इससे स्‍टारलिंक की सेवाएं भारत में आएंगी। दूर-दराज के इलाकों में स्कूल, अस्पताल और संस्थान जुड़ सकेंगे। भारती एयरटेल लिमिटेड के एमडी और वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल ने कहा, ‘स्‍पेसएक्‍स के साथ मिलकर एयरटेल ग्राहकों को स्‍टारलिंक देना एक बड़ी उपलब्धि है। यह अगली पीढ़ी की सैटेलाइट कनेक्टिविटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है।’ भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा, ‘4G, 5G और आगे 6G की तरह अब हमारे पास एक और तकनीक होगी, यानी SAT-G।’

Deleted Post

एयरटेल के बाद ज‍ियो ने क‍िया ऐलान

बुधवार को जियो प्‍लेटफॉर्म्‍स लिमिटेड ने स्‍टारलिंक के साथ अपने समझौते की घोषणा की। रिलायंस जियो ग्रुप के सीईओ मैथ्यू ओमन ने कहा, ‘स्‍पेसएक्‍स के साथ हमारा सहयोग स्‍टारलिंक को भारत लाने के हमारे संकल्प को मजबूत करता है। यह सभी के लिए निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘स्‍टारलिंक को जियो के ब्रॉडबैंड सिस्टम में जोड़कर हम अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। इस AI युग में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड की विश्वसनीयता और उपलब्धता बेहतर कर रहे हैं। देश भर के समुदायों और व्यवसायों को सशक्त बना रहे हैं।’

स्‍पेसएक्‍स की अध्यक्ष और सीओओ ग्वेने शॉटवेल ने कहा कि कंपनी भारत सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम भारत की कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए जियो की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। हम जियो के साथ काम करने और भारत सरकार से अधिक लोगों, संगठनों और व्यवसायों को स्‍टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्राधिकरण प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं।’

2022 से एंट्री का मौका देख रही स्‍टारल‍िंंक

स्‍टारलिंक 2022 से भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश कर रही है। शुरुआत में एयरटेल और जियो ने इसका विरोध किया था। 2024 के इंडिया मोबाइल कांग्रेस में सुनील मित्तल ने कहा था कि सैटेलाइट कंपनियों को भी पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियों की तरह स्पेक्ट्रम खरीदना चाहिए और लाइसेंस फीस देनी चाहिए। जियो ने भी ऐसा ही रुख अपनाया था। इस पर एलन मस्क ने कहा था कि नीलामी-आधारित दृष्टिकोण की मांग ‘अभूतपूर्व’ है। उन्होंने यह भी सवाल किया था कि क्या भारत में स्‍टारलिंक के संचालन के लिए मंजूरी प्राप्त करना ‘बहुत अधिक परेशानी’ वाली बात है।

क‍िस पसोपेश में सरकार?

अश्विनी वैष्णव ने स्‍टारलिंक का स्वागत किया, लेकिन बाद में पोस्ट हटा दी। यह दर्शाता है कि सरकार के अंदर अभी भी इस मामले पर चर्चा हो रही होगी। स्‍टारलिंक के आने से भारत के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है। हालांकि, मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों की चिंताएं भी जायज हैं। सरकार को ऐसा रास्ता निकालना होगा जिससे सभी हितधारकों के हितों का ध्यान रखा जा सके। देखना होगा कि स्‍टारलिंक को भारत में कब और किन शर्तों पर काम करने की अनुमति मिलती है। यह भारतीय टेलीकॉम उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

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