अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया ने मामले में जमानत के लिए बेंगलुरु सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने पहले कर्नाटक हाईकोर्ट से सत्र न्यायालय को उनकी जमानत याचिका का निपटारा करने का निर्देश देने की अपील की थी। उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय को आज याचिका का निपटारा करने का निर्देश दिया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु में एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले (Atul Subhash Suicide Case) में कोर्ट ने आरोपी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार को जमानत दे दी। अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया ने मामले में जमानत के लिए बेंगलुरु सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उन्होंने पहले कर्नाटक हाईकोर्ट से सत्र न्यायालय को उनकी जमानत याचिका का निपटारा करने का निर्देश देने की अपील की थी। उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय को आज याचिका का निपटारा करने का निर्देश दिया।
2020 में हुई थी अतुल सुभाष और निकिता की शादी
बता दें कि 14 दिसंबर को निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसकी मां और भाई अनुराग को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से उठाया गया था। सुभाष और सिंघानिया की शादी 2019 में हुई थी। 2020 में उन्हें एक बेटा हुआ। अतुल ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ने तलाक के समझौते के लिए तीन करोड़ रुपये मांगे थे।
पोते को अपने पास रखना चाहते अतुल सुभाष के पिता
बताते चलें कि अतुल की मां और पिता ने अपने चार साल के पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। निकिता अपने परिवार के साथ अभी भी जेल में है। पुलिस इनके बच्चे की तलाश कर रही है दूसरी तरफ अतुल सुभाष परिवार के वकील ने कहा, ‘इस मामले में आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और वह(निकिता) बच्चे का फायदा नहीं उठा सकती है और हमने बच्चे की पूरी कस्टडी की मांग की है।’
अतुल सुभाष के वकील ने बताया आगे का प्लान
कोर्ट के फैसले के बाद अतुल सुभाष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विनय सिंह ने कहा, “जमानत मंजूर कर ली गई है। हम ऑर्डर शीट का इंतजार कर रहे हैं। हमारी दलील तथ्यात्मक जानकारी और उत्पीड़न पर थी। सुसाइड नोट को फोरेंसिक को भेज दिया गया है, लेकिन अभी तक इस पर विचार नहीं किया गया है। उनके सुसाइड वीडियो को भी फोरेंसिक को भेजा गया है। उनकी लिखावट की भी जांच की जा रही है।”
वकील विनय सिंह ने आगे कहा,”हम पूरे परिवार के साथ हैं। हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं। हम इसे (जमानत आदेश) चुनौती देंगे। ऑर्डर शीट देखने और उसका विश्लेषण करने के बाद हम कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।”
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