अयोध्या: कुछ दिनों पहले ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन हुआ था। उनके निधन के बाद राम मंदिर ट्रस्ट ने बड़ा फैसला लिया है। मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि अब राम मंदिर में कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि सत्येंद्र दास जी की उम्र और उनके सम्मान जैसा कोई शख्स नहीं है। वह लंबे समय तक हनुमानगढ़ी के महंत रहे हैं। राम मंदिर मुख्य पुजारी की नियुक्ति को लेकर चंपत राय ने कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास से छह महीने पहले ही पूछ लिया गया था। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है कि अब कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा।
चंपत राय ने कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास सन् 1993 से भगवान राम लला की सेवा कर रहे थे। जिसके लिए उन्हें सिर्फ 100 रुपये महीने मिलता था। आज जितने लोग हैं, वो न तो उनकी आयु की हैं और न उन जैसा विद्वान है। सभी जवान हैं और एक आयु के हैं। इसलिए अब मुख्य पुजारी अतिशयोक्ति हो जाएगी।
चंपत राय ने कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास सन् 1993 से भगवान राम लला की सेवा कर रहे थे। जिसके लिए उन्हें सिर्फ 100 रुपये महीने मिलता था। आज जितने लोग हैं, वो न तो उनकी आयु की हैं और न उन जैसा विद्वान है। सभी जवान हैं और एक आयु के हैं। इसलिए अब मुख्य पुजारी अतिशयोक्ति हो जाएगी।
12 फरवरी को 80 साल की उम्र में आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया था। जिसके बाद से राम मंदिर के मुख्य पुजारी को लेकर सवाल उठ रहे थे। अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले में 1945 में आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म हुआ था। वह राम मंदिर आंदोलन से इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि 1958 में उन्होंने अपना घर छोड़ कर सबकुछ राम को अर्पित कर दिया।
1992 को बाबरी विध्वंस के दिन वह राम लला को गोद में लेकर भागे निकले थे। करीब 34 साल तक वह राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी के रूप में राम लला की सेवा करते रहे। लखनऊ के एसपीजीआई अस्पताल में 12 फरवरी 2025 को अंतिम सांस ली। 13 फरवरी को आचार्य सत्येंद्र दास को सरयू नदी में जल समाधि दी गई।