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Bangladesh:धमाके, आगजनी और हिंसक झड़पें… शेख हसीना पर फैसले से पहले बांग्लादेश में भड़की हिंसा; बढ़ा तनाव – Bangladesh Violence Erupts Sheikh Hasina Verdict Political Turmoil Explosions Arson Many Clashes Tensions Rise

Byadmin

Nov 17, 2025


बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मानवता विरोधी अपराधों के मामले में आज आने वाले फैसले से पहले राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। राजधानी ढाका से लेकर कई जिलों में हिंसक झड़पें, आगजनी, सड़क जाम और धमाके हुए हैं। फैसले को लेकर पैदा हुए तनाव ने पूरे देश में असुरक्षा का माहौल बना दिया है।

 

फैसले से एक दिन पहले ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कारों में आग लगाई, जगह-जगह कॉकटेल बम फोड़े और हाईवे पर पत्थर फेंककर रास्ते बंद कर दिए। हालात बिगड़ते देख सरकार ने पुलिस के साथ सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को तैनात किया है। बीजीबी कई हाईवे खाली करा रही है ताकि आवागमन फिर शुरू हो सके।

किस मामले आएगा फैसला?

यह मामला जुलाई-अगस्त 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता विरोधी अपराधों से जुड़ा है। शेख हसीना ने सभी आरोपों से इनकार किया है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) आज फैसला सुनाने जा रहा है, जिसे लेकर पूरे देश में तनाव फैल गया है। हसीना की पार्टी अवामी लीग ने रविवार से दो दिन के देशव्यापी बंद का एलान किया, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। ढाका में सड़कें सुनी दिखीं, कई इलाकों में पटाखानुमा धमाकों की आवाजें भी सुनी गईं।

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व्यापार जगत में बढ़ी चिंता

बांग्लादेश के उद्योग जगत ने राजनीतिक उथल-पुथल पर चिंता जताई है। बीजीएमईए के पूर्व अध्यक्ष क्वाजी मोनिरुज्जमान ने कहा कि हालात बेहद अस्थिर हैं और इससे व्यापार, सामाजिक व्यवस्था और कानून-व्यवस्था सभी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2026 के चुनाव शांति और स्थिरता वापस लाएंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को पड़ोसी देशों, खासकर भारत, के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है।

मोनिरुज्जमान ने कहा कि यदि राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी तो बांग्लादेश का परिधान उद्योग सबसे बड़ा नुकसान झेलेगा। यह क्षेत्र देश की विदेशी मुद्रा आय का सबसे बड़ा स्रोत है और लाखों लोगों को रोजगार देता है, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं की है। उन्होंने चेतावनी दी कि लगातार अशांति से विदेशों के खरीदारों का भरोसा टूट सकता है और उद्योग गहरी आर्थिक संकट में जा सकता है।

सोशल मीडिया पर सक्रिय अवामी लीग

जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के बाद हसीना सरकार गिर गई थी और 5 अगस्त को वह भारत चली गईं। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। यूनुस सरकार ने अवामी लीग और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है।

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