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Bangladesh ग्राउंड रिपोर्ट: दुनिया के सबसे बड़े रिफ़्यूजी कैंप में हालात बदतर होने की क्या है असल वजह?

Byadmin

Mar 22, 2025


इस्मत आरा अपने बच्चे के साथ
इमेज कैप्शन, इस्मत आरा उन क़रीब दस लाख शरणार्थियों में से हैं, जो कॉक्स बाज़ार रिफ़्यूजी कैंप में रह रहे हैं

  • Author, जुगल पुरोहित
  • पदनाम, बीबीसी संवाददाता,कॉक्स बाज़ार, बांग्लादेश

“उस दिन हमारे गांव पर भारी बमबारी हुई थी. बम का एक टुकड़ा मेरे तीन साल के बेटे की जांघ में लगा. वो बेहोश हो गया. हम म्यांमार में उसे किसी डॉक्टर के पास भी नहीं ले जा सकते थे. इसलिए हमने उसके घाव पर कुछ पत्ते रखे, उस पर कपड़ा बांधा और सीमा पारकर बांग्लादेश में प्रवेश किया. तब जाकर उसका इलाज हुआ.”

बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार इलाके़ में, बांस और तिरपाल की बनी अस्थायी झुग्गी में, इस्मत आरा ने बहुत ही मजबूर और असहाय भाव से बीबीसी की टीम के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की.

उन्होंने बम के उस टुकड़े की तस्वीर दिखाई जिसने उनके बेटे की जान ही ले ली होती. वो सात महीने पहले अपने परिवार के सदस्यों के साथ म्यांमार के मौंगदाव (रखाइन प्रांत) से अपना घर छोड़कर बांग्लादेश आने पर मजबूर हुई थी. म्यांमार बौद्ध बहुल देश है.

इस्मत आरा उस समुदाय से हैं जिसे संयुक्त राष्ट्र दुनिया का सबसे सताया हुआ अल्पसंख्यक मानता है. वो रोहिंग्या समुदाय से हैं.

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