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Bangladesh India Diplomatic Rift,बांग्लादेश ने बनाया नये दोस्तों का सर्किल, भारत के लिए कैसे ‘रिंग ऑफ फायर’ बना रहे मोहम्मद यूनुस? – bangladesh makes circle of new friends how is mohammad yunus creating a ring of fire for india

Byadmin

Mar 8, 2025


ढाका: भारत के कुख्यात पड़ोसी देशों की लिस्ट थोड़ी और लंबी हो गई है। बदमाश पड़ोसियों की लिस्ट में अब बांग्लादेश शामिल हो गया है। पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ाने के बाद, बांग्लादेश अब चीन के साथ घुल-मिल रहा है। और अब हकीकत में मोदी सरकार की डिप्लोमेसी के लिए बांग्लादेश बड़ा सिरदर्द बन सकता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भोंपू ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में (25 फरवरी से 6 मार्च) बांग्लादेश के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग का दौरा किया था। जिनमें राजनेता, पत्रकार, छात्र नेता शामिल थे। इस दौरान उन्हें चीन की टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बताया गया। लेकिन सबसे बढ़कर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के बारे में उनका ब्रेनवॉश किया गया। बांग्लादेश के इस प्रतिनिधिमंडल ने BYD और LONGi जैसी शीर्ष चीनी कंपनियों का दौरा किया।यहां आपके लिए इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि चीन, बांग्लादेश को ऋण चुकाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर कुछ समय बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है और रिपोर्ट ये भी है, कि बीजिंग बांग्लादेश के ऊपर लगाए गये ब्याज दरों को भी थोड़ा कम कर सकता है। जाहिर तौर पर चीन, बांग्लादेश को अपने और करीब करना चाहता है। बांग्लादेश ने चीन से ब्याज दरों को 2-3% से घटाकर 1% करने की अपील की है। इसके अलावा प्रतिबद्धता शुल्क माफ करने और तरजीही क्रेता ऋण (Preferential Buyer’s Credit) और सरकारी रियायती ऋण (Government Concessional Loans) के लिए ऋण चुकाने की अवधि को 20 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष तक करने का आग्रह किया है।

चीन की गोदी में बैठने की बांग्लादेश की बेताबी
अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (AEI) के अनुमानों के मुताबिक साल 2023 तक बांग्लादेश में चीन का कुल निवेश 7.07 बिलियन डॉलर था। लेकिन उस वक्त तक देश में शेख हसीना का शासन था, जिसका झुकाव भारत की तरफ था। लेकिन शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अब चीन के लिए रणनीति बनाना काफी आसान हो गया है। लिहाजा नई दिल्ली के लिए पड़ोस की स्थिति थोड़ी और मुश्किल हो गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुफिया सूत्रों के आधार पर कहा है कि शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के लिए चीन ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ काफी करीबी भूमिका निभाई थी।

ISI के समर्थन वाला जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र विंग, इस्लामी छात्र शिबिर (ICS) ने कथित तौर पर आरक्षण विरोधी को चीन और पाकिस्तान की मदद से हिंसक बनाया। चीन ने पाकिस्तान के रास्ते बांग्लादेश में पैसे भेजे। रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS) ने इस कोशिश में मदद पहुंचाई थी।

पाकिस्तान की मौजूदगी भारत के लिए टेंशन
इस बीच बांग्लादेश ने एक और ऐसा कदम उठाया है जो दिल्ली को परेशान करने वाला है। बांग्लादेश की आजादी के बाद पहली बार हुआ जब पाकिस्तान का एक मालवाहक जहाज बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह पर डायरेक्ट रूट से पहुंचा। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान से 50,000 मीट्रिक टन बासमती चावल आयात करने के लिए सरकार-से-सरकार के बीच हुए सौदे के बाद जहाज बांग्लादेश पहुंचा।

25 मीट्रिक टन चावल लेकर यह जहाज कराची के कासिम बंदरगाह से रवाना हुआ और मोंगला पहुंचने से पहले चटगांव में उतरेगा। ये इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि पिछली शेख हसीना सरकार ने चटगांव और मोंगला बंदरगाहों तक पहुंच प्रदान करके भारत-बांग्लादेश कम्युनिकेशन को काफी मजबूत किया था। जहां अब पाकिस्तान पैर जमाने की कोशिश कर रहा है, जो भारत के लिए टेंशन की वजह हो सकता है।

डिफेंस समझौते भी भारत को परेशान करने वाले
भारत की परेशानी को और बढ़ाते हुए पाकिस्तान की ISI कथित तौर पर बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढ़ा रही है। इस पहल के तहत बांग्लादेश की जेलों में बंद कुख्यात आतंकवादियों को रिहा करने पर बात चल रही है। खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि जमात-ए-इस्लामी और इस्लामी छात्र शिविर जैसे ISI समर्थित समूह कट्टरपंथी नेटवर्क को मजबूत कर रहा है, जो बांग्लादेश की सुरक्षा और भारत के क्षेत्रीय हितों दोनों को खतरा बन सकते हैं। पिछले दिनों बांग्लादेश के नौसेना प्रमुख एडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन ने रावलपिंडी में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर अहमद शाह से मुलाकात की थी, जो एक महीने से भी कम समय में दोनों देशों के बीच दूसरी हाई लेवल मीटिंग थी। जाहिर तौर पर बांग्लादेश और पाकिस्तान की सेना का हाथ मिलाना भारत को परेशान करेगा।

इसके अलावा पिछले दिनों इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना, बांग्लादेश के जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए एक कार्यक्रम की शुरूआत करने जा रही है। इसके अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खुफिया जानकारियों का भी आदान-प्रदान शुरू हो गया है। इन सबके बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज़-ज़मान ने चेतावनी दी है कि अगर अंतरिम सरकार कानून-व्यवस्था को कंट्रोल करने में नाकाम रहती है और देश की संप्रभुता पर खतरा आता है तो सेना हस्तक्षेप कर सकती है। शेख हसीना के शासन से बाहर होने के बाद उदारवादी नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया है और हिज्बु उर तहरीर और जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी कट्टरपंथी समूहों ने कथित तौर पर 100 से ज्यादा सूफी धर्मस्थलों को नष्ट कर दिया है। भारत के लिए ये बातें परेशान करने वाली हैं और भविष्य में बांग्लादेश भारत के सिर में और दर्द दे सकता है।

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