बेंजामिन नेतन्याहू की यह घोषणा सोमवार रात को सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के कुछ समय बाद आई है। बैठक के बाद उन्होंने अपने मंत्रियों से युद्ध विराम पर टिप्पणी करने से परहेज करने को कहा था। ऐसे में इजरायल की ओर से इस मामले पर चुप्पी थी और कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। इजरायली न्यूज वेबसाइट यरुशलम पोस्ट ने बताया है कि युद्धविराम समझौते से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बेंजामिन नेतन्याहू से बात की थी। ईरान और अमेरिका के बीत युद्धविराम बातचीत की मध्यस्थता कतर ने की है।
ट्रंप ने किया सबसे पहले सीजफायर का ऐलान
इजरायल और ईरान में तेज होती लड़ाई के बीच अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक ट्वीट करते हुए ऐलान किया था कि मंगलवार रात से युद्धविराम हो रहा है। हालांकि ईरान ने शुरुआत में इसे नकार दिया और इजरायल ने भी चुप्पी साधे रखी लेकिन कुछ घंटे बीतने के साथ ही दोनों पक्ष इस पर सहमत हो गए कि लड़ाई रोक दी जाए। इसके बाद दोनों पक्षों ने सीजफायर की पुष्टि कर दी।
इजरायल ने 13 जून की सुबह ईरान में भीषण हमले किए थे। इन हमलों में ईरानी सेना के शीर्ष अफसर और कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे। इस पर ईरान ने भी युद्ध का ऐलान करते हुए जवाबी हमले शुरू कर दिए थे। ईरान की ओर से लगातार मिसाइलें इजरायल में दागी जा रही थीं। वहीं इजरायल की ओर से भी ईरान में हमले हो रहे थे। 12 दिन की इस लड़ाई में दोनों देशों में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
इजरायल और ईरान की इस लड़ाई में 22 जून को अमेरिका भी कूद गया था। अमेरिका ने ईरान में परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। इसके बाद सोमवार को ईरान ने कतर में अमेरिकी सेना के बेस पर मिसाइल दागी थी। इससे ये लड़ाई पूरे पश्चिम एशिया में फैलने का खतरा पैदा हो गया था। ऐसे में अरब दुनिया ने इस सीजफायर से निश्चित ही राहत की सांल ली है।