केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी राजनीति का मूल मंत्र बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट है। बुधवार को अपने पैतृक गांव अलौली प्रखंड के शहरबन्नी में दिवंगत पिता रामविलास पासवान की चौथी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद चिराग ने मीडिया से बातचीत में यह बात कही।
चिराग ने उन अटकलों को खारिज किया, जिनमें एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर उनकी नाराजगी बताई जा रही थी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ना पद की चाह है, ना सीट की नाराजगी। मेरी कोई पद या सीट की मांग नहीं है। चर्चा अच्छी चल रही है और समय आने पर सही निर्णय होगा। बार-बार यह कहना कि मैं नाराज हूं, पूरी तरह गलत है।
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उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र सपना और राजनीति का मकसद उनके पिता का देखा हुआ सपना पूरा करना है। बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट। पार्टी की तैयारियों पर बात करते हुए चिराग ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का हर कार्यकर्ता राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर मजबूत तैयारी के साथ मैदान में उतरेगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए के साथ तालमेल को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस दौरे में चिराग ने पारिवारिक विवादों या अन्य व्यक्तिगत मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं की। पूरे संवाद के दौरान उन्होंने अपना फोकस विकास, नीति और विचारधारा पर बनाए रखा। पिता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे चिराग ने संदेश दिया कि अब उनकी राजनीति का रास्ता सिर्फ और सिर्फ बिहार के लिए है और वह अपने पिता की विरासत को ‘बिहार फर्स्ट’ के नारे के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।