महागठबंधन में सबकुछ करने की कोशिश में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के नेता जुट गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत समेत महागठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता होटल में हैं। तेजस्वी यादव सबसे पहले अशोक गहलोत के कमरे में गए। बंद कमरे में बातचीत चल रही है। कुछ देर में प्रेस वार्ता शुरू होगी।
बुधवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने राजद प्रमुख लालू और तेजस्वी यादव से मुलाकात की। बैठक के दौरान सीटों का विवाद, चुनाव प्रचार समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई। आज महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस बुलाने का निर्णय लिया गया है। इसमें सारी तस्वीर साफ हो जाएगी। संभावना है कि जिन सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी आमने-सामने हैं, वहां कुछ समाधान निकल जाए। साथ ही तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित कर दिया जाए।
इधर, महागठबंधन की प्रेस कॉफ्रेस शुरू होने से पहले एक तस्वीर को लेकर विवाद हो गया। इसमें केवल नेता प्रतिपक्ष की ही तस्वीर है। इस पोस्टर के बाद सियासत गरमा गई। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के स्थल पर लगे पोस्टरों से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तस्वीर गायब होने की बात कही। इसके बाद कांग्रेस नेता उदित राज ने पलटवार कर कहा कि राहुल गांधी ही राजद और अन्य दलों के लिए बिहार में चुनाव प्रचार की मुख्य ज़िम्मेदारी संभालने वाले हैं। हमें इन पोस्टरों के आधार पर निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। प्रदीप भंडारी को सही समय आने पर इसका जवाब मिल जाएगा।
गहलोत बोले- हम मिलकर चुनाव प्रचार करेंगे
इधर, राबड़ी आवास से निकलने के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के साथ अच्छी बातचीत हुई। कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है, जिसमें सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी। महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। बिहार में कुल 243 सीटें हैं, और 5-10 सीटों पर आपसी सहमति से ‘फ्रेंडली फाइट’ हो सकती है। हम मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे।
अल्लावरू ने कहा- आज सारी जानकारी दी जाएगी
वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद, बिहार के लिए एआईसीसी प्रभारी कृष्ण अल्लावरू ने कहा कि बिहार चुनाव पर हमारी आगे की रणनीतियों को लेकर चर्चा हुई, और इस पर बात हुई कि सरकार बनने के बाद हम राज्य की जनता के लिए कैसे काम कर सकते हैं। वहीं कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट के सवाल पर उन्होंने कहा कि कल यानी 23 अक्तूबर को हर तरह की जानकारी दी जाएगी। एनडीए को यह जवाब देना चाहिए कि उन्होंने पिछले पांच वर्षों में क्या किया है? चुनाव में मुद्दा यही है कि आपने क्या किया है? हम बताएंगे कि हम आने वाले पांच साल में क्या करेंगे।
243 सीट पर महागठबंधन ने 254 उम्मीदवार उतारे
राजद ने 143, कांग्रेस ने 60, भाकपा माले ने 20, वीआईपी ने 15, सीपीआई ने नौ, सीपीएम ने चार और आईआईपी ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यानी कुल मिलाकर 254 सीट। 12 सीटें ऐसी हैं जहां फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन गई है। हालांकि, कुछ सीटों से नामांकन वापस भी लिए गए। जैसे, लालगंज में राजद प्रत्याशी शिवानी शुक्ला के खिलाफ मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसी तरह गौड़ाबौराम में वीआईपी उम्मीदवार के नामांकन के बाद राजद ने अपने उम्मीदवार बैठा दिया। वहीं दो सीट सुगौली और मोहनिया में महागठबंधन के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया।
10 सीटों पर कांग्रेस के सामने महागठबंधन के अन्य दल
60 में से 10 सीट (वारसिलीगंज, नरकटियागंज, कहलगांव, सुल्तानगंज, वैशाली, सिकंदरा, बछवाड़ा, बिहारशरीफ, करगहर और राजापाकड़ सीट) पर कांग्रेस के सामने राजद, सीपीआई और वीआईपी है। छह सीट वारसिलीगंज, नरकटियागंज, कहलगांव, सुल्तानगंज, वैशाली और सिकंदरा सीट पर राजद के उम्मीदवार कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं।