बिहार में भूमि सर्वे फिर से शुरू
राजस्व विभाग ने सभी जमीन मालिकों से अपील की है कि वे अपने जमीन के कागजात जल्द से जल्द जमा कर दें। जमीन के बंटवारे और वंशावली से जुड़े फॉर्म (फॉर्म नंबर 2 और 3) हर कामकाजी दिन शिविर कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं। जमीन मालिकों को अपनी जमीन की जानकारी खुद के लिखे हुए घोषणा पत्र में ज़रूर देनी चाहिए। ऐसा न करने पर उन्हें बाद में दिक्कत हो सकती है।
बिना कागजात वालों के लिए बढ़ाई गई तारीख
जिन लोगों के पास जमीन के कागजात नहीं हैं, उनके लिए जमीन के कागजात जमा करने की तारीख बढ़ा दी गई है। उनसे कहा गया है कि वे भीड़ से बचने के लिए अपने जमीन के कागजात , जैसे कि खाता संख्या, खेसरा संख्या और जमीन का क्षेत्रफल अंचल के सर्वे शिविर कार्यालय में जमा करवा दें। इस काम में मदद करने के लिए हर गांव में कुछ लोग तैनात किये गए हैं।
अब ये चार कागजात जरूरी
जमीन मालिकों से अपील की गई है कि वे अपने आवेदन के साथ जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कागजात , जैसे कि रजिस्ट्री, वसीयत, रसीद और खतियान की कॉपी भी लगाएं। जमीन मालिक अपना आवेदन खुद भी विभाग की वेबसाइट पर या किसी भी सीएसपी केंद्र के जरिए अपलोड कर सकते हैं। अगर बाद में कोई और कागजात देना हो, तो वे उसे अपने अंचल के सर्वे शिविर कार्यालय में आवेदन और मोबाइल नंबर के साथ जमा कर सकते हैं।
इस तरह से अब सिर्फ ये चार कागज भूमि सर्वे के लिए जरूरी होंगे।
- पहला- जमीन की रजिस्ट्री के कागजात
- दूसरा- वसीयत के कागजात
- तीसरा- जमीन की राजस्व रसीद
- तीसरा- खतियान की कॉपी
नए खतियान में आपत्ति तो सर्वे शिविर में रखें बात
नया खतियान बनने के बाद, लोगों को अगर कोई आपत्ति हो, तो वे सर्वे शिविर कार्यालय में जाकर अपनी बात रख सकते हैं। अजय कुमार ने सभी से अपील की है कि वे आखिरी तारीख का इंतजार न करें और अपने जमीन से जुड़े सभी कागजात और घोषणा पत्र जल्द से जल्द जमा करवा दें। खास तौर पर, जिन लोगों के कागजात तैयार हैं, उन्हें तुरंत फॉर्म जमा करने को कहा गया है। इस काम में लोगों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।