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Bihta Airport : बिहटा एयरपोर्ट पर और आगे बढ़ी बात, जानिए कब से उड़ेंगी नई फ्लाइट्स – bihta airport news runway extension but local are against the process know why

Byadmin

Dec 25, 2024


पटना: बिहटा एयरपोर्ट के रनवे को बड़ा करने के लिए ज़मीन अधिग्रहण का फैसला जल्द आएगा। 173 एकड़ जमीन की जरूरत है। ADM (राजस्व) की टीम ने रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेज दी है। 15 दिन में फैसला आने की उम्मीद है। रनवे का विस्तार पूरब या पश्चिम दिशा में होगा। फैसला आते ही जमीन लेने का काम शुरू हो जाएगा। इसमें कोरहर और शर्फुद्दीनपुर गांव के लोगों को पुनर्वास की ज़रूरत पड़ेगी। धार्मिक स्थलों और कब्रिस्तान को भी हटाना पड़ सकता है। इससे स्थानीय लोगों ने विरोध भी जताया है।

बिहटा एयरपोर्ट पर आगे बढ़ी बात

बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार का मामला पिछले एक महीने से विचारधीन है। 15 नवंबर को ADM (राजस्व) अनिल कुमार की अगुवाई वाली छह सदस्यीय टीम ने स्थल निरीक्षण किया था। इस टीम में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, दानापुर के DCLR, पटना एयरपोर्ट के सहायक महाप्रबंधक (भूमि प्रबंधन), बिहटा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और बिहटा के CO शामिल थे।

ऐसे होगा रनवे का विस्तार

टीम ने अपनी रिपोर्ट DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह को सौंपी थी। DM ने यह रिपोर्ट राज्य सरकार की कमेटी को भेज दी है। अब 15 दिनों के अंदर फैसले की उम्मीद है। रनवे का विस्तार एयरपोर्ट के पूरब या पश्चिम, किसी एक दिशा में होगा। पहले रनवे की लंबाई 2500 मीटर रखी गई थी। अब इसे बढ़ाकर 3658 मीटर करने की योजना है। इसके लिए अतिरिक्त 1158 मीटर लंबाई की जरूरत पड़ेगी।

विस्तार हुआ तो इन गांवों से लेनी पड़ेगी जमीन

अगर रनवे का विस्तार पश्चिम दिशा में होता है, तो कोरहर गांव की ओर 173 एकड़ जमीन लेनी होगी। इससे कोरहर गांव के 143 पक्के मकान, 103 कच्चे मकान और सात धार्मिक स्थल (एक मजार और छह मंदिर) टूटेंगे। कुल 253 ढांचों को हटाना पड़ेगा और 246 परिवारों को दूसरी जगह बसाना होगा। बिहटा-मनेर सड़क एयरपोर्ट की दीवार से सिर्फ 500 मीटर दूर है। इसलिए यहां एक अंडरपास या फिर दीवार के बाहर 2.50 किमी लंबी चार लेन वाली नई सड़क बनानी पड़ेगी। इस काम में 482 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर और 542 करोड़ रुपये पुनर्वास पर खर्च होंगे। कोरहर गांव के लोगों ने रनवे विस्तार का विरोध किया है।

पश्चिम से इस गांव में भी लेगी होगी जमीन

पश्चिम दिशा में ही शर्फुद्दीनपुर गांव भी प्रभावित होगा। यहां 119 पक्के मकान, 35 कच्चे मकान, एक मस्जिद और एक मजार है। कुल 154 परिवारों को दूसरी जगह बसाना पड़ेगा। एयरपोर्ट की दीवार से सटा एक दो एकड़ का कब्रिस्तान भी हटाना पड़ेगा। IOC की गैस पाइपलाइन भी 350 मीटर की दूरी तक है, जिसका ध्यान रखना होगा।

पूर्व दिशा में होने पर इतनी जमीन करनी होगी अधिग्रहित

अगर रनवे का विस्तार पूरब दिशा में होता है, तो 173.50 एकड़ जमीन की ज़रूरत होगी। इस पर 392 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर और 452 करोड़ रुपये पुनर्वास पर खर्च होने का अनुमान है। यहां के लोगों ने कब्रिस्तान हटाए जाने का विरोध किया है। ज़िला प्रशासन पहले ही 114 एकड़ जमीन ले चुका है। इसमें से 106 एकड़ एयरपोर्ट प्रशासन को दे दी गई है। बाकी आठ एकड़ ज़मीन, जहां टर्मिनल बिल्डिंग बनेगी, उसके अधिग्रहण का काम चल रहा है। अगर रनवे विस्तार के लिए 173 एकड़ जमीन और ली जाती है, तो एयरपोर्ट के पास कुल 287 एकड़ जमीन हो जाएगी। इससे एयरपोर्ट का काम सुचारू रूप से चल सकेगा और बड़े विमानों के आवागमन में आसानी होगी। लेकिन, स्थानीय लोगों के पुनर्वास और धार्मिक स्थलों के स्थानांतरण जैसे मुद्दों का समाधान करना भी जरूरी है।

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