विधायक का बयान: न्यायालय के आदेश का सम्मान
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक मिश्रीलाल यादव ने कहा, ‘कोर्ट ने मुझे तीन महीने की सजा सुनाई थी। मैं अपील के लिए कोर्ट आया था, जहां कोर्ट ने मुझे कस्टडी में भेज दिया।’
2019 की घटना, गंभीर आरोप
यह मामला 29 जनवरी 2019 की एक घटना से जुड़ा है। समैला निवासी उमेश मिश्रा ने 30 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान गोसाईं टोल के पास मिश्रीलाल यादव, सुरेश यादव और 20-25 अन्य लोगों ने हथियारों के साथ उन्हें घेर लिया। उन्होंने गाली-गलौज की और विरोध करने पर फरसा से हमला किया, जिससे उमेश मिश्रा के सिर में गंभीर चोट आई। सुरेश यादव पर रॉड व लाठी से मारने और 2300 रुपये लूटने का भी आरोप है।
घायल उमेश मिश्रा का इलाज पहले केवटी पीएचसी और बाद में डीएमसीएच में हुआ। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच कर 12 अक्टूबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया और कोर्ट ने 17 अप्रैल 2020 को मामले पर संज्ञान लिया।
कोर्ट का फैसला: दोषी करार, सजा तय
अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों और बहस के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत दोषी ठहराया था। कोर्ट ने दोनों को तीन महीने की सजा और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश श्री आर्या की अदालत में सुनाया गया।