महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात की। यह मुलाकात इस वजह से भी चर्चाओं में रही, क्योंकि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर महायुति में विवाद छिड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
इन अटकलों को राज्य कैबिनेट की बैठक में तब और बल मिला, जब शिवसेना शिंदे गुट के सभी मंत्रियों ने इस बैठक से किनारा कर लिया था। कैबिनेट बैठक से दूरी बनाने के बाद शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की थी। इस बैठक में फैसला लिया गया कि महायुति के सहयोगी दलों को एक-दूसरे के पार्टी पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करने से बचना चाहिए।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे का आनन-फानन में यह दिल्ली दौरा इसी मुद्दे पर राहत पाने के लिए किया गया है। वहीं, पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें बताया कि महायुति के कुछ नेता आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए अनुकूल राजनीतिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
शिंदे ने शाह से यह भी कहा कि टाली जा सकने वाली रुकावटें महायुति गठबंधन की जीत की गति में बाधा डाल सकती हैं और विपक्ष को अनुचित लाभ पहुंचा सकती हैं। उपमुख्यमंत्री ने शाह से बैठक के दौरान यह भी कहा कि गठबंधन सहयोगियों को एक-दूसरे की आलोचना करने से बचना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव 2 दिसंबर को होंगे, जबकि नगर निगम चुनाव जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है।
वहीं, शिवसेना और भाजपा के बीच दरार की अटकलों पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “यह सरकार का आंतरिक मामला है, लेकिन 6 मंत्री कैबिनेट में होने के बावजूद बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। यह चिंता का विषय है। इतने सारे महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं, और मंत्री अनुपस्थित हैं। यह स्पष्ट है कि उनके भीतर मतभेद हैं। महाराष्ट्र इसका खामियाजा भुगत रहा है और यह दुखद है।”