डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लगातार आठवीं बार केंद्रीय बजट पेश किया। सरकार ने बजट में मध्यम वर्ग और आयकरदाताओं को बढ़ी राहत दी है। अब औसतन एक लाख रुपये महीना वेतन वाले कर्मचारियों को आयकर नहीं देना होगा।
12 लाख रुपये तक की सलाना आय को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। बजट में किसान, महिलाओं, युवाओं और छात्रों का खासा ध्यान रखा गया है। इस बजट से आम जनता को क्या फायदा मिलेगा? आइए 10 प्वाइंट में जानते हैं…
- आयकर में छूट: बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था का एलान किया है। अब 12 लाख रुपये तक की सलाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 25 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले लोगों को टैक्स में 110000 रुपये का लाभ मिलेगा। 18 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्ति को टैक्स में 70000 रुपये का लाभ होगा।
- किसान क्रेडिट कार्ड: सरकार ने बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लीमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने का एलान किया है। देशभर के 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
- यूरिया उत्पादन को बढ़ावा: केंद्र सरकार ने यूरिया उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई है। सरकार तीन यूरिया संयंत्रों को दोबारा शुरू करेगी। इसके अलावा असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक यूरिया प्लांट की स्थापना करेगी। इससे किसानों को यूरिया की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। वहीं यूरिया का आयात घटाने में भी मदद मिलेगी।
- गिग कर्मचारियों का ख्याल: बजट में गिग कर्मचारियों का खासा ध्यान रखा गया है। सरकार इन कर्मचारियों को पहचान पत्र प्रदान करेगी। इसके अलावा ई-श्रम पोर्टल पर भी इनका पंजीकरण होगा। खास बात यह है कि गिग कर्मियों को पीएम जन आरोग्य योजना का भी लाभ मिलेगा। अनुमान के मुताबिक लगभग एक करोड़ गिग वर्कर्स को इसका लाभ मिलेगा।
- टीडीएस सीमा बढ़ाई: सरकार ने 10 लाख तक के शिक्षा ऋण पर से टीसीएस को हटा दिया है। इसके अलावा किराये पर वार्षिक टीडीएस सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का एलान किया है। वहीं सीनियर सिटीजन के लिए कर कटौती की सीमा 1 लाख रुपये कर दी गई। पहले यह सीमा 50 हजार रुपये की थी।
- दलहन पर फोकस: सरकार दलहनों में आत्मनिर्भरता का मिशन शुरू करेगी। तूर, उड़द और मसूर पर मुख्य फोकस किया जाएगा। आत्मनिर्भर दलहन मिशन छह वर्षों के लिए होगा। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों तक किसानों से दालों की खरीद करेंगी। इस योजना से दलहन पैदावार को बढ़ावा देने के अलावा कीमतों को भी काबू करने में मदद मिलेगी।