ट्रिपलआईटी में शनिवार को दो साथियों की मौत से भड़के छात्रों ने जमकर हंगामा किया। संस्थान प्रशासन पर अनुशासन के नाम पर उत्पीड़न, छात्र सुविधाओं में बदहाली का आरोप लगाकर विरोध जताया।
रात में 12 बजे से सुबह छह घंटे तक हंगामा करने के बाद शाम को एक बार फिर वह विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कैंडल मार्च निकालने के बाद उन्होंने निदेशक कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया, जो रात 11 बजे खबर लिखे जाने तक जारी था।
छात्रों का आरोप था कि फैकल्टी की अनुशासन के नाम पर उत्पीड़न ही राहुल की मौत का कारण है। वहीं, अखिल की जान समय पर मेडिकल सुविधा न मिलने के कारण हुई। इसी को लेकर छात्र सुबह तक प्रदर्शन करते रहे।
शाम छह बजे से छात्र फिर से एकजुट होकर मांगों के साथ कैंडल मार्च निकाला और देर रात तक निदेशक कार्यालय पर धरना देते रहे। छात्र राहुल और अखिल की मौत के बाद रविवार को निदेशक के कार्यालय में देर रात तक हंगामा चलता रहा।
छात्र साथी के परिवार के लिए कॉलेज में एक नौकरी, मुआवजा और परिवार के लिए आजीवन स्वास्थ्य बीमा की मांग करते हुए देर रात तक डटे रहे।अवकाश पर होने के कारण निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावने अपने गृह जनपद पुणे में थे।
सूचना पाकर वह फ्लाइट से पहले वाराणसी और वहां से सड़क मार्ग से देर रात ट्रिपलआईटी पहुंचे। कॉलेज पहुंचते ही उन्होंने छात्रों को अपने कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाया। छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे वार्ता करने पहुंचा, जबकि अन्य छात्र धरने पर बैठे रहे।
छात्रों और निदेशक के बीच तकरीबन दो घंटे तक वार्ता होती रही लेकिन छात्रों को कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। कई बार छात्रों ने तल्ख लहजे में गुस्सा भी जाहिर किया। छात्रों ने कहा कि राहुल और अखिल की मौत के लिए ट्रिपलआईटी प्रशासन की जिम्मेदारी तय की जाएगी और संबंधित अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कार्रवाई की जाए।
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