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Cash Row: Sc Upload On Its Website Entire 25-page Inquiry Report Submitted By Delhi Hc Chief Justice Upadhyaya – Amar Ujala Hindi News Live

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Mar 23, 2025


जस्टिस उपाध्याय की रिपोर्ट…15 मार्च को हटा दिया गया था मलबा

जस्टिस उपाध्याय की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बताया कि जस्टिस वर्मा के 30, तुगलक क्रिसेंट, नई दिल्ली स्थित कार्यालय के पास स्टोर रूम में 14 मार्च की रात 11:30 बजे आग लगी। सीजेआई के निर्देश पर मैंने अरोड़ा से पीसीआर कॉल स्रोत व अन्य सूचनाएं मांगी। पुलिस आयुक्त ने 16 मार्च को बताया कि पीसीआर कॉल जस्टिस वर्मा के निजी सचिव द्वारा मोबाइल नंबर से की गई थी। 

जस्टिस उपाध्याय ने बताया, स्टोर रूम गार्ड रूम के बगल में है, जहां सीआरपीएफ तैनात है। स्टोर रूम को बंद रखा जाता था। मैंने अपने रजिस्ट्रार सह सचिव को मौके पर भेजा। वह जस्टिस वर्मा के साथ उस कमरे में गए, जहां आग लगी थी। वह उनके कार्यालय से सटा हुआ है। रजिस्ट्रार ने रिपोर्ट दी कि कमरा स्टोर रूम के रूप में काम आ रहा था। कमरे में अंधेरा था। दीवारों में दरारें आ गई थीं। 

जस्टिस उपाध्याय ने कहा, 16 मार्च की शाम दिल्ली पहुंचकर मैं तुरन्त आपके (सीजेआई) पास आया। सारी सूचना दी। 17 मार्च सुबह 8:30 बजे हाईकोर्ट के अतिथि गृह में जस्टिस वर्मा मुझसे मिले। उन्होंने कहा, जिस कमरे में आग लगी थी, वहां सिर्फ अनुपयोगी घरेलू सामान थे। कमरा नौकरों, माली व सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों के लिए भी सुलभ था। घटना के समय वे भोपाल में थे, उन्हें बेटी से जानकारी मिली। तब मैंने उन्हें अपने व्हाट्सएप पर तस्वीरें व वीडियो दिखाए, जो पुलिस आयुक्त ने भेजे थे। जस्टिस वर्मा ने इस पर साजिश की आशंका जताई।

जस्टिस उपाध्याय ने कहा, 20 मार्च को मैंने फोटो, वीडियो और दो संदेश आपको (सीजेआई) भेज दिए। कल शाम मुझे आपका पत्र मिला, जिसमें जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने के प्रस्ताव की जानकारी थी। मैंने शाम को ही जवाब दिया कि प्रस्ताव न्याय के बेहतर प्रशासन के हित में है। जस्टिस उपाध्याय ने लिखा, मेरी जांच में आैर पुलिस आयुक्त की 16 मार्च की रिपोर्ट में भी खुलास था कि जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड के अनुसार, 15 मार्च की सुबह कमरे से मलबा और अन्य जली वस्तुएं हटा दी गई थीं। लिहाजा पूरे मामले की गहन जांच की जरूरत है।

शीर्ष कोर्ट ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब भी जारी किया 

जांच रिपोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब भी जारी किया। अपने जवाबों में जस्टिस वर्मा ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि यह स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होती है। उस स्टोररूम में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा कभी कोई नकदी नहीं रखी गई थी। उन्होंने कहा कि वे इस बात की कड़ी निंदा करते हैं कि कथित नकदी उनकी थी। जिस कमरे में आग लगी और जहां कथित तौर पर नकदी मिली, वह एक आउटहाउस था न कि मुख्य भवन जहां न्यायाधीश और उनका परिवार रहता है।

 



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