वहीं, राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। आपको बता दें कि धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा।
27 लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
26 हजार किसानों ने बेची धान
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार 21 नवम्बर के दिन करीब 26 हजार 501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई है। इन किसानों से धान खरीदने के लिए 30,828 टोकन जारी किए गए थे। वहीं, आने वाले दिन को धान की खरीदी करने के लिए 25,840 टोकन पहले से जारी किए गए हैं।
धान खरीदी के बाद कस्टम नीति आई आड़े
प्रदेश में लाखों मीट्रिक टन धान खरीदने के बाद कस्टम मिलिंग की समस्या सामने आ गई है, क्योंकि अब तक कस्टम मिलिंग नीति को लेकर राइस मिलर्स ने अपनी सहभागिता नहीं जताई है। मिलर्स का कहना है कि मिलिंग चार्ज 120 रुपए प्रति क्विंटल से घटाकर 60 रुपए कर दिया गया है। ट्रांसपोर्टेशन का भाड़ा भी कम कर दिया है। ऐसे में हम काम कर पाने में असमर्थ हैं। इसके साथ ही 3 साल से कस्टम मिलिंग की राशि पेडिंग पड़ी है।