जम्मू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज का भव्य उद्घाटन किया। यह पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर स्थित है और अपनी भौगोलिक और तकनीकी विशेषताओं के कारण दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन कर न केवल देश को एक बड़ी सौगात दी, बल्कि पाकिस्तान और चीन को भी एक कड़ा संदेश दिया। उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी हाथ में तिरंगा लेकर चिनाब ब्रिज पर चहलकदमी करते नजर आए।
हाथ तिरंगा लेकर दे दिया ये संदेश
हाथ में तिरंगा लेकर पुल पर चलना कोई सामान्य राजनीतिक इशारा नहीं था। यह संदेश था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और कोई भी ताकत इसे भारत से अलग नहीं कर सकती। पीएम मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। इसका उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने पुल का निरीक्षण किया और इंजीनियरों और मजदूरों से बात की, जिन्होंने इस सपने को हकीकत में बदला।
हाथ तिरंगा लेकर दे दिया ये संदेश
हाथ में तिरंगा लेकर पुल पर चलना कोई सामान्य राजनीतिक इशारा नहीं था। यह संदेश था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और कोई भी ताकत इसे भारत से अलग नहीं कर सकती। पीएम मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। इसका उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने पुल का निरीक्षण किया और इंजीनियरों और मजदूरों से बात की, जिन्होंने इस सपने को हकीकत में बदला।
पेरिस के एफिल टॉवर से भी ऊंचा पुल
चिनाब ब्रिज 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पेरिस के एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। यह पुल जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण सामरिक और रणनीतिक प्रोजेक्ट है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा यह ब्रिज न केवल आम लोगों के लिए बल्कि भारतीय सेना के लिए भी बेहद अहम है। यह पुल जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती और आपूर्ति श्रृंखला को पहले से कहीं अधिक मजबूत और त्वरित बनाएगा। किसी आपातकालीन स्थिति में यह ब्रिज एक जीवनरेखा साबित होगा। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे भूकंप और हवा की स्थिति का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पुल का एक प्रमुख प्रभाव जम्मू और कश्मीर के बीच संपर्क को बढ़ाना होगा।