वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को ऑपरेशन सिंदूर को हाल के वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई बताते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत की मजबूत वायु रक्षा क्षमताओं और संयुक्त सेवा योजना को प्रदर्शित किया। वायुसेना प्रमुख ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के पांच एफ-16 और जेफ-17 लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। वायुसेना प्रमुख ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के तालमेल का प्रतिबिंब था। इसके साथ ही वायुसेना प्रमुख ने बताया कि तीनों सेनाओं ने सुदर्शन चक्र वायु रक्षा प्रणाली पर काम करना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान को हुआ भारी नुकसान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान को लेकर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान के नुकसान का सवाल है…हमने बड़ी संख्या में उनके हवाई अड्डों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए। इन हमलों के कारण पाकिस्तान के कम से कम चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा तीन अलग-अलग स्टेशनों में उनके तीन हैंगर क्षतिग्रस्त हुए। भारत की ओर से किए गए इन हमलों में पाकिस्तान के कम से कम 4 से 5 लड़ाकू विमान, संभवतः एफ-16 तबाह हुए हैं। इसके साथ ही एक एसएएम प्रणाली को भी नष्ट किया गया।’
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘हमने लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भेदा। हमने सबसे लंबी दूरी की मार दुश्मन के क्षेत्र में 300 किलोमीटर भीतर तक की। हमारी मजबूत हवाई रक्षा प्रणाली ने स्थिति को पूरी तरह पलट दिया।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वायुसेना और अधिक एस-400 एयर डिफेंस मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रही है? इस वायुसेना प्रमुख ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि यह प्रणाली अच्छी साबित हुई है। वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘हम उनके क्षेत्र में अंदर तक देख सकते थे। यह इतिहास में दर्ज होगा कि हमने पाकिस्तान में सैंकड़ों किलोमीटर भीतर तक मार की और हमारी कार्रवाई के बाद उनकी गतिविधियों पर गंभीर रूप से रोक लगी है।’
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‘दुनिया को हमसे सीखने की जरूरत’
ऑपरेशन सिंदूर पर, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा, ‘भारतीय सशस्त्र बलों को संघर्ष को लेकर साफ निर्देश थे। यह एक सबक है जो इतिहास में दर्ज होगा कि यह एक ऐसा युद्ध था जो एक बहुत ही स्पष्ट उद्देश्य से लड़ा गया था और लक्ष्य हासिल होने के बाद इसे बिना आगे बढ़ाए हुए तेजी से समाप्त कर दिया गया। हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है, दो युद्ध चल रहे हैं और फिलहाल उनके खत्म होने की कोई बात नहीं चल रही है। लेकिन हमने लड़ाई को उस स्थिति में पहुंचाया, जहां वे हमसे युद्धविराम की मांग करें। इसके बाद हमने एक राष्ट्र के रूप में संघर्ष को समाप्त करने का फैसला लिया क्योंकि हमने जिन उद्देश्यों से लड़ाई शुरू की थी, वो पूरे हो चुके थे। मुझे लगता है कि ये कुछ ऐसा है, जिसे दुनिया को हमसे सीखने की जरूरत है।’
भारत को हुए नुकसान पर दिया यह जवाब