बीजिंग: चीन ने मुंबई में ताइवान का ऑफिस खुलने पर भारत के सामने कड़ा राजनयिक विरोध दर्ज कराया है। चीन ने इससे दोनों देशों के संबंधों पर बुरा असर होने की भी बात कही है। बीजिंग ने ताइवानी ऑफिस खुलने पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है। ऐसे में भारत से अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करे और इस मुद्दे पर बहुत एहतियात के साथ आगे बढ़े। चीन का विरोध मुंबई में नए ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (टीईसीसी) ऑफिस पर है। टीईसीसी के अब भारत में तीन कार्यालय हो गए हैं। मुंबई के अलावा दिल्ली और चेन्नई भी टीईसीसी के ऑफिस हैं।मुंबई में ताइवान के नए ऑफिस के खुलने पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है और ताइवान चीन का अटूट हिस्सा है। चीन अपने साथ राजनयिक संबंध रखने वाले किसी भी देश के ताइवान के साथ आधिकारिक संपर्क पर कड़ा एतराज करता है, इसमें एक-दूसरे के यहां ऑफिस खोलना भी शामिल रहा है। मुंबई में ताइवान का ऑफिस खुलने के मुद्दे को भी हमने भारत के समक्ष उठाते हुए अपनी चिंता रखी है।’
भारत अपनी प्रतिबद्धता से पीछे ना हटे: चीन
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अपने बयान में कहा, ‘चीन का भारत से आग्रह है कि वह ताइवान से संबंधित मामलों को सुलझाए और एक चीन सिद्धांत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए बढ़े। भारत ताइवान से किसी भी तरह की आधिकारिक बातचीत ना करे और चीन के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की प्रक्रिया को बाधित ना करे।’
इस साल की शुरुआत में भी चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर भारत के सामने राजनयिक विरोध दर्ज कराया था। चीन ने अरुणाचल में सेला सुरंग बनाने पर भारत का विरोध किया था। चीन अरुणाचल का नाम जंगनान बताता है और इसे चीनी क्षेत्र कहता है। भारत ने विरोध को खारिज कर दिया था। भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर कई मुद्दों पर विवाद रहा है।