चिन्मय प्रभु पर राजद्रोह का आरोप
महंत चिन्मय कृष्ण दास को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार करने के बाद चटगांव मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। यहां बड़ी संख्या में चिन्मय प्रभु के समर्थक अपने नेता की रिहाई की मांग को लेकर एकत्र हुए थे। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने अदालत में कई मोटरसाइकिलों में तोड़फोड़ भी की। इससे पहले, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम ने चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के फर्जी आरोप में राजद्रोह के मामले में जेल भेज दिया।
पुलिस ने समर्थकों पर ग्रेनेड दागे
अदालत के आदेश के तुरंत बाद दोपहर 12:00 बजे उनके अनुयायियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे चिन्मय कृष्ण दास को ले जा रही जेल वैन की आवाजाही बाधित हो गई। बाद में, पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के सदस्यों ने वैन का रास्ता खाली करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर साउंड ग्रेनेड दागे और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी चिन्मय कृष्ण की रिहाई की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। वैन आखिरकार दोपहर करीब 3:00 बजे कोर्ट परिसर से बाहर निकल पाई।
चिन्मय प्रभु की अनुयायियों से शांति की अपील
हालांकि, चिन्मय कृष्ण ने जेल वैन के अंदर से अपने अनुयायियों से शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम राज्य और सरकार के खिलाफ नहीं हैं। हम, सनातनियों, राज्य का हिस्सा हैं…. हम राज्य को अस्थिर करने और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को नष्ट करने के लिए कुछ भी नहीं करेंगे। हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित करके और उन्हें ताकत में बदलकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
चिन्मय प्रभु का विरोध जारी रखने का ऐलान
विरोध जारी रखने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, “हमारी आठ सूत्री मांगें बुनियादी मुद्दे हैं। यह कोई अनुचित मांग नहीं है। जब तक यह पूरी नहीं हो जाती, तब तक विरोध जारी रखें। लेकिन कृपया स्थिरता और सद्भाव सुनिश्चित करें। यही मेरी अपेक्षा है।”