नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के अंदर का माहौल मंगलवार को खुशनुमा रहा। जस्टिस रॉय और CJI चंद्रचूड़ ने एक दूसरे पर खूब हंसी के फुहारे छोड़े। अपने हल्के-फुल्के अंदाज में बात रखने की आदत पर न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने कहा कि उनके पास एक तारीफ और एक शिकायत दोनों हैं। जस्टिस रॉय के इस अंदाज पर सीजेआई भी मुस्कुरा उठे। इसके अलावास जस्टिस रॉय नेजस्टिस नागरत्ना और धूलिया जैसे अन्य न्यायाधीशों के योगदान की भी तारीफ की।सीजेआई से तारीफ और शिकायत दोनों
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने कहा कि बहुमत के फैसले में यह कहते हुए कि समुदाय के भौतिक संसाधनों में हर निजी संपत्ति शामिल नहीं हो सकती है। उन्होंने सीजेआई चंद्रचूड़ की तारीफ करते हुए कहा कि SC के बौद्धिक संसाधन भी भौतिक संसाधन हैं और CJI ने पिछले कुछ महीनों में इसका भरपूर इस्तेमाल किया है। CJI ने नौ-न्यायाधीशों की पीठ के सामने सभी तीन मामलों – निकाले गए खनिजों पर रॉयल्टी लगाने के राज्यों के अधिकार, औद्योगिक अल्कोहल सहित सभी प्रकार की शराब पर कर लगाने के राज्यों के अधिकार और मंगलवार को अनुच्छेद 39 (बी) पर – में लंबे-चौड़े बहुमत के फैसले लिखे हैं।
सीजेआई ने क्या कहा?
अपनी शिकायत के बारे में विस्तार से बताते हुए, न्यायमूर्ति रॉय ने कहा कि अब जबकि CJI के पास पद पर तीन दिन शेष हैं, कुछ भौतिक संसाधन (बौद्धिक संसाधन) अन्य पीठों से आएं। CJI चंद्रचूड़ ने इसे एक तारीफ के रूप में लिया और न्यायमूर्ति रॉय को धन्यवाद दिया, लेकिन अगले ही पल कहा कि न्यायमूर्ति नागरत्ना और धूलिया जैसे अन्य न्यायाधीशों की ओर से भी बहुत सारे बौद्धिक संसाधन आए हैं।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने कहा कि बहुमत के फैसले में यह कहते हुए कि समुदाय के भौतिक संसाधनों में हर निजी संपत्ति शामिल नहीं हो सकती है। उन्होंने सीजेआई चंद्रचूड़ की तारीफ करते हुए कहा कि SC के बौद्धिक संसाधन भी भौतिक संसाधन हैं और CJI ने पिछले कुछ महीनों में इसका भरपूर इस्तेमाल किया है। CJI ने नौ-न्यायाधीशों की पीठ के सामने सभी तीन मामलों – निकाले गए खनिजों पर रॉयल्टी लगाने के राज्यों के अधिकार, औद्योगिक अल्कोहल सहित सभी प्रकार की शराब पर कर लगाने के राज्यों के अधिकार और मंगलवार को अनुच्छेद 39 (बी) पर – में लंबे-चौड़े बहुमत के फैसले लिखे हैं।
सीजेआई ने क्या कहा?
अपनी शिकायत के बारे में विस्तार से बताते हुए, न्यायमूर्ति रॉय ने कहा कि अब जबकि CJI के पास पद पर तीन दिन शेष हैं, कुछ भौतिक संसाधन (बौद्धिक संसाधन) अन्य पीठों से आएं। CJI चंद्रचूड़ ने इसे एक तारीफ के रूप में लिया और न्यायमूर्ति रॉय को धन्यवाद दिया, लेकिन अगले ही पल कहा कि न्यायमूर्ति नागरत्ना और धूलिया जैसे अन्य न्यायाधीशों की ओर से भी बहुत सारे बौद्धिक संसाधन आए हैं।