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Congress Hit Back Election Commission And Accused It Of Crossing All Limits Of Shamelessness – Amar Ujala Hindi News Live

Byadmin

Aug 17, 2025


 कांग्रेस ने शनिवार को चुनाव आयोग पर पलटवार किया। पार्टी ने चुनाव आयोग पर ‘बेशर्मी की सारी हदें पार’ करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि चुनाव आयोग से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद की जाती है। 

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सवार उठाया कि अगर चुनाव आयोग वाकई मतदाता सूची की जांच का स्वागत करता है, तो मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे अभी भी पार्टियों को मशीन-पठनीय मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने से क्यों इनकार कर रहे हैं। 

वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘चुनाव आयोग पर वोटों की चोरी और बड़े पैमाने पर धांधली के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके बावजूद आयोग ने अपनी सभी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़कर बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं। सांविधानिक अधिकारियों से ईमानदारी की प्रतिमूर्ति होने की अपेक्षा की जाती है, न कि लोकतंत्र को नष्ट करने के अपने अपराध को छिपाने के लिए अस्पष्ट रूप से तैयार किए गए प्रेस नोटों के पीछे छिपने की।’

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राजनीतिक दलों ने समय पर मतदाता सूची की जांच नहीं की: आयोग

वहीं, चुनाव आयोग ने मतदाता डेटा में हेराफेरी के विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब दिया। साथ ही कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ राजनीतिक दलों ने चुनाव मशीनरी को त्रुटियां बताने के लिए समय पर मतदाता सूची की जांच नहीं की। चुनाव आयोग ने कहा कि वह अपने अधिकारियों को खामियों को दूर करने में मदद करने के लिए दस्तावेज की जांच का स्वागत करता है। 

वोट चोरी पकड़ने की राजनीतिक दलों पर नहीं डाली जा सकती जिम्मेदारी

इस पर कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कहा कि वोट चोरी को पकड़ने की जिम्मेदारी राजनीतिक दलों और उनके बीएलए पर नहीं डाली जा सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का दावा है कि ‘मतदाता सूची तैयार करने की पहचान पूर्ण पारदर्शिता है।’ 

वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग से किया सवाल 

वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग से पूछा, ‘क्या इनमें से कोई भी फैसला ‘पूर्ण पारदर्शिता’ को बढ़ावा देने के उनके एजेंडे का हिस्सा है। पार्टियों को मशीन-पठनीय मतदाता सूची देने से इनकार करना, और पहले से अपलोड किए गए एसआईआर (मतदाता सूची) के मसौदे के मशीन-पठनीय संस्करणों को हटाना। 45 दिनों के भीतर सीसीटीवी फुटेज हटाना। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दलील देना कि बिहार एसआईआर प्रक्रिया में 65 लाख नाम हटाने और चुनाव आयोग से मिलने के लिए मार्च कर रहे विपक्षी सांसदों से मिलने से इनकार करने के पीछे का कारण बताने के लिए वह बाध्य नहीं है।’

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भाजपा के दबाव में वोटों की हेराफेरी छिपा रहा आयोग

कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग के प्रेस नोट को साझा किया और कहा कि यह सब दिखाता है कि चुनाव आयोग वास्तव में पारदर्शिता नहीं चाहता है और लोगों की चिंताओं को नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में वोटों की हेराफेरी को छिपा रहा है। 

 

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