बिहार विधानसभा चुनाव का मतदान दो चरणों में इस बार 6 और 11 नवंबर को होगा, इसकी घोषणा सोमवार 6 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की थी। इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो गई और राजनीतिक दलों की गहमागहमी बढ़ गई। अब सवाल उठ रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतने वाला महागठबंधन का राष्ट्रीय जनता दल इस बार गठबंधन- I.N.D.I.A. में कितनी सीटें जीतेगा? लेकिन, उससे पहले यह सवाल है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी? वैसे, बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही सर्वाधिक सीटें राजद ने जीती, लेकिन सर्वाधिक प्रत्याशी न तो सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी या जनता दल यूनाईटेड ने दिए थे और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तब बड़ी लड़ाई का एलान करने वाले चिराग पासवान ने दिए थे।
सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा इस बार किनका-किनका
इस बार बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कई ने कर रखा है। प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी के लिए एलान कर रखा है। पिछली बार खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर चर्चा में आईं पुष्पम प्रिया चौधरी ने भी यह एलान कर रखा था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी का भी यह एलान है। इनके अलावा, भारतीय पुलिस सेवा छोड़कर आए शिवदीप लांडे ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी देने की बात कही थी। यह बात तेज प्रताप यादव से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता तक कह चुके हैं। अब तक की संभावना और तैयारी देखें तो प्रशांत किशोर शायद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सर्वाधिक प्रत्याशी दे सकते हैं। बसपा भी प्रत्याशियों की तलाश में है, हालांकि नेटवर्क की कमी के कारण शायद वह ऐसा कर सके। शिवदीप लांडे तो अब खुद निर्दलीय अररिया और जमालपुर सीटी से लड़ने की बात कह रहे हैं। दोनों गठबंधनों के दलों में से कोई भी इस बार शायद ही पिछली बार से ज्यादा सीटों पर लड़ सके।
बिहार चुनाव 2020 में सर्वाधिक सीटों पर लड़ने वाली पार्टी खत्म
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने 144 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे और उसके 74 विधायक जीते थे। लोक जनशक्ति पार्टी ने 135 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे और उसके एक ही विधायक चुने गए थे। जनता दल यूनाईटेड ने 115 प्रत्याशी दिए और वह 43 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। भारतीय जनता पार्टी ने 110 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और वह 74 विधायकों के साथ विधानसभा में दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी। कांग्रेस ने 70 प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन 19 ही जीत सके थे। सर्वाधिक 148 प्रत्याशी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) ने उतारे थे और सभी की जमानत जब्त हो गई थी। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) ने पिछले साल कांग्रेस में विलय कर लिया था। उसके बाद भी जब उन्हें कांग्रेस से पूर्णिया का टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव जीतकर सांसद बने।
102 और 81 सीटों पर लड़ते हुए सभी पर जमानत जब्त कराई किसने
बिहार चुनाव 2020 पर ही रहते हैं। तब पुष्पम प्रिया चौधरी की द प्लुरल्स पार्टी ने 102 प्रत्याशी दिए थे और सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। राष्ट्रीय दल के रूप में पंजीकृत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 81 प्रत्याशी उतारे थे और सभी की जमानत जब्त हो गई थी। भाजपा-एनसीपी के बाद सर्वाधिक 78 प्रत्याशी राष्ट्रीय दल के रूप में पंजीकृत बहुजन समाज पार्टी ने उतारे थे। एक की जीत हुई थी और 73 की जमानत जब्त हो गई थी। प्रदेश स्तर की तत्कालीन पार्टी- राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने 99 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे और 94 पर जमानत जब्त हो गई थी। जीत किसी की नहीं। उपेंद्र कुशवाहा की यह पार्टी बाद में जदयू में जाकर खत्म हो गई और निकले तो राष्ट्रीय लोक मोर्चा नाम की पार्टी बनाई, जो अब एनडीए का घटक है।